Edited By vasudha,Updated: 04 May, 2018 06:34 PM
आम चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक दलों के बीच दलित वोट बैंक को साधने की कवायद तेज हो गई है। इसी के तहत कई नेताओं में दलित के घर खाना खाने की होड़ लग गई है। वहीं आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भाजपा नेताओं को इस तरह की ड्रामेबाजी से बचने की नसीहत दी है...
नेशनल डेस्क: आम चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक दलों के बीच दलित वोट बैंक को साधने की कवायद तेज हो गई है। इसी के तहत कई नेताओं में दलित के घर खाना खाने की होड़ लग गई है। वहीं आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भाजपा नेताओं को इस तरह की ड्रामेबाजी से बचने की नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि इस तरह का ड्रामा करने से बेहतर होगा कि समाज के कमजोर वर्ग के लोगों से बातचीत की जाए।
पब्लिसिटी स्टंट कर रहे हैं नेता
एक चैनल को दिए इंटरव्यू में भागवत ने कहा कि दलितों के घर खाना लेकर पहुंचना मीडिया को बुलाना, ये सब महज पब्लिसिटी स्टंट हैं। उन्होंने आरएसएस कार्यकर्ताओं से कहा कि उन्हें नियमित रूप से दलितों से बातचीत और मुलाकात करनी चाहिए। आरएसएस प्रमुख का बयान ऐसे वक्त में आया है जब SC/ST एक्ट में बदलाव से नाराज दलितों को मनाने के लिए भाजपा नेता अभियान चला रहे हैं। कर्नाटक चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा अमित शाह और पार्टी के सीएम पद के उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा कई मौकों पर दलितों के घरों का दौरा कर चुके हैं।
RSS जाति आधारित भेदभाव को नहीं करती स्वीकार
हाल ही में यूपी की एक ऐसी ही घटना पर विवाद खड़ा हो गया था। योगी सरकार में मंत्री सुरेश राणा अलीगढ़ में एक अपने साथ खाना और पानी लेकर दलित के घर खाना लेने पहुंचे। आरएसएस ने आज स्पष्ट किया कि वह जाति आधारित भेदभाव को स्वीकार नहीं करते और सभी के लिये ‘एक मंदिर, एक कुआं और एक शमशान’ के विचार का प्रवर्तक है। संघ ने कहा कि हम चाहते हैं कि सभी लोग सौहार्द के साथ रहें जहां किसी तरह का जाति आधारित भेदभाव न हो।