Edited By shukdev,Updated: 22 Sep, 2018 07:04 PM
नोटबंदी, पेट्रोल-डीज़ल के बढ़ते दाम और जीएसटी जैसे मुद्दों को लेकर जनता में सरकार के प्रति काफी नाराज़गी है। इसके चलते बीजेपी 2019 के लोकसभा चुनाव में अपनी जीत के लिए आशंकित नज़र आ रही है। भाजपा सूत्रों के मुताबिक़, देश में सरकार के प्रति नकारात्मक छवि...
नेशनल डेस्क (मनीष शर्मा): नोटबंदी, पेट्रोल-डीज़ल के बढ़ते दाम और जीएसटी जैसे मुद्दों को लेकर जनता में सरकार के प्रति काफी नाराज़गी है। इसके चलते बीजेपी 2019 के लोकसभा चुनाव में अपनी जीत के लिए आशंकित नज़र आ रही है। भाजपा सूत्रों के मुताबिक़, देश में सरकार के प्रति नकारात्मक छवि को बदलने के लिए बीजेपी 90 प्रतिशत से ज़्यादा सांसदों को अगले चुनाव में टिकट न देने का मन बना लिया है, इनमे 40 के करीब मंत्री भी हो सकते हैं।
किन कारणों से कट रहे हैं मंत्रियों के टिकट?
सोशल मीडिया में सक्रियता : मार्च 2018 में पार्टी मीटिंग के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सभी मंत्रियों और सांसदों को कहा था कि उनके ट्विटर अकाउंट के कम से कम 3 लाख फॉलोवर्स होने चाहिए।
इन केंद्रीय मंत्रियों के हैं तीन लाख से कम फॉलोवर्स:
- गृहमंत्री राजनाथ सिंह : 45,200 फॉलोवर्स हैं।
- पेयजल और स्वच्छता मंत्री उमा भारती: 2,9600 फॉलोवर्स हैं।
- कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह: 2,87000 फॉलोवर्स हैं।
- जनजातीय मामलों के मंत्री जुएल उरांव: 1,14000 फॉलोवर्स हैं।
- ग्रामीण विकास मंत्री नरेंदर सिंह तोमर: 1,48000 फॉलोवर्स हैं।
इंटरनल सर्वे
जून 2018 में बीजेपी की इंटरनल सर्वे में सामने आया था कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी 282 में से 152 सीट हार सकती है। मई 2018 में एबीपी ने देश के पचास बड़े पत्रकारों का सर्वे कर मोदी सरकार के मंत्रियों की रिपोर्ट कार्ड तैयार कराई थी।
जिन मंत्रियों ने सबसे ख़राब प्रदर्शन किया है, वो हैं :
- पेयजल और स्वच्छता मंत्री उमा भारती
- सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के राज्य मंत्री गिरिराज सिंह
- श्रम और रोजगार मंत्रालय के राज्य मंत्री संतोष गंगवार
कुछ मंत्री ख़राब सेहत के चलते अगला लोकसभा चुनाव शायद नहीं लड़ेंगे। उनमे से प्रमुख नाम सुषमा स्वराज हैं। लेकिन इन सबके बीच 19 वो मंत्री भी हैं जिनपर पत्ता कटने का कोई भय नहीं है, भले ही उनके ट्विटर फॉलोवर्स कम हों या प्रदर्शन ख़राब हो। ये सब राज्य सभा संसद हैं।
इन मंत्रियों के नाम हैं :
- टेक्सटाइल मंत्री : स्मृति ईरानी
- सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्री थावरचंद गेहलोत
- इस्पात मंत्री चौधरी बीरेंदर सिंह
बीजेपी जानती है कि मतदाता की नाराजगी पार्टी की बजाय जनप्रतिनिधि से ज्यादा होती है। यह प्रयोग वह दिल्ली के नगर-निगम चुनाव में कर चुकी है। 2019 के लोकसभा चुनाव की जीत को और सुनिश्चित करने के लिए बीजेपी ने फ़िल्मी सितारों और क्रिकेटरों को टिकट देने का मन बना लिया है।