महिंद्रा टेलीफोनिक्स ने तैयार की हर मौसम में काम करने वाली मोबाइल निगरानी प्रणाली

Edited By shukdev,Updated: 13 Apr, 2018 08:53 PM

mahindra telephoneix introduced m sps in defense exhibition

महिंद्रा ग्रुप की कंपनी ​महिंद्रा टेलीफोनिक्स ने हर मौसम में काम करने वाली मोबाइल निगरानी व रक्षण प्रणाली ( एम - एसपीएस ) तैयार की है। महिंद्रा टेलीफोनिक्स का कहना है कि इस एम एसपीएस सुविधा का इस्तेमाल स्वतंत्र रूप से किया जा सकता है और यह सेना व...

चेन्नई : महिंद्रा ग्रुप की कंपनी ​महिंद्रा टेलीफोनिक्स ने हर मौसम में काम करने वाली मोबाइल निगरानी व रक्षण प्रणाली ( एम - एसपीएस ) तैयार की है। महिंद्रा टेलीफोनिक्स का कहना है कि इस एम एसपीएस सुविधा का इस्तेमाल स्वतंत्र रूप से किया जा सकता है और यह सेना व अर्धसैनिक बलों द्वारा सीमा पर रक्षा व निगरानी के काम आ सकती है। इस तरह के पहले उत्पाद को मङ्क्षहद्रा ग्रुप के अध्यक्ष एस पी शुक्ला ने यहां चल रही रक्षा प्रदर्शनी डिफेएक्सपो में पेश किया। तिरूविदांती में यह प्रदर्शनी रक्षा मंत्रालय ने आयोजित की है। कंपनी का कहना है कि ग्राहकों की जरूरत के हिसाब से इस प्रणाली का इस्तेमाल ड्रोन के इस्तेमाल में भी किया जा सकता है।
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डीआरडीओ की इस साल 18 हजार करोड़ रुपए निवेश की योजना  
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ ) ने चालू वित्त वर्ष के लिए 18,000 करोड़ रुपए की निवेश योजना तैयार की है। संगठन की इस योजना में अगली पीढ़ी के हल्के ब्रह्मोस प्रक्षेपास्त्र विकसित करना भी शामिल है। एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी। डीआरडीओ के चेयरमैन एस . क्रिस्टोफर ने कहा कि देश के इस प्रमुख रक्षा शोध संस्थान ने 25- 30 प्रतिशत का आवंटन चालू वित्त वर्ष के दौरान नई परियोजनाओं को विकसित करने के लिए किया है।

मौजूदा मिसाइल से हल्की होंगी नई मिसाइलें
क्रस्टोफर डीआरडीओ के चेयरमैन होने के साथ ही अनुसंधान एवं विकास सचिव भी हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को इस रक्षा प्रदर्शनी का औपचारिक तौर पर उद्घाटन किया था। प्रदर्शनी का आयोजन यहां से 40 किलोमीटर दूर तिरुविदेतई में किया गया है। क्रिस्टोफर ने कहा , ‘जहां तक योजना आवंटन की बात है , इस साल के लिए यह करीब 18,000 करोड़ रुपए है। इसमें से 25 से 30 प्रतिशत नई परियोजनाओं में खर्च किया जाएगा। ’
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ब्रह्मोस एयरोस्पेस , के सीईओ एवं प्रबंध निदेशक सुधीर मिश्रा ने कहा , ‘हमारा नई पीढ़ी की ब्रह्मोस मिसाइल विकसित करने का प्रस्ताव है। इसे ब्रह्मोस एनजी मिसाइल नाम दिया गया है। यह मिसाइल मौजूदा मिसाइल से हल्की होगी लेकिन इसकी मारक क्षमता बराबर ही होगी। नई हल्की मिसाइल को विभिन्न प्लेटफार्म से छोड़ा जा सकेगा। ’डीआरडीओ के इलेक्ट्रानिक्स एवं दूरसंचार प्रणाली महानिदेशक , जे मंजुला ने कहा कि डीआरडीओ लंबी दूरी तक जानकारी रखने वाले राडार पर काम कर रहा है। ये राडार एक हजार किलोमीटर तक की दूरी तक देख सकेंगे। उन्होंने बताया कि डीआरडीओ और भी कई रक्षा प्रणालियों पर काम कर रहा है।   

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