Edited By Tanuja,Updated: 28 May, 2020 10:03 AM
सीमा विवाद के चलते भारत को हेंकड़ी दिखा रहे चीन के तेवर अब कुछ बदले नजर आ रहे हैं। भारत ने अपने संयम और शक्ति ...
इंटरनेशनल डेस्कः सीमा विवाद के चलते भारत को हेंकड़ी दिखा रहे चीन के तेवर अब कुछ बदले नजर आ रहे हैं। भारत ने अपने संयम और शक्ति से चीन को ऐसा जवाब दिया है कि 24 घंटे के अंदर चीन ने अपना बयान बदल लिया है। LAC पर बढ़े तनाव के बीच भारत के कड़े रुख के बाद चीन का रुख नरम पड़ गया है। भारत-चीन की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर बढ़ी तल्खी के बाद मंगलवार को किसी देश का नाम लिए बिना राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सेना को तैयारी का निर्देश दिया था। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की कूटनीति के चलते बुधवार को पहले चीनी विदेश मंत्रालय ने सीमा पर भारत के साथ स्थिति को स्थिर और नियंत्रण में बताया।
उसके बाद भारत में चीन के राजदूत ने मतभेदों को बातचीत से निपटाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि चाइनीज ड्रैगन और भारतीय हाथी साथ नृत्य कर सकते हैं। भारत में चीन के राजदूत सन विडोंग ने कन्फेडरेशन ऑफ यंग लीडर्स मीट को संबोधित करते हुए कहा कि मतभेद की छाया द्विपक्षीय रिश्तों में बाधा नहीं बनने देना चाहिए। भारत और चीन एक-दूसरे के लिए अवसर हैं, खतरा नहीं। इससे पहले चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, भारत के साथ सीमा पर हालात ”पूरी तरह स्थिर और नियंत्रण योग्य हैं और दोनों देशों के पास बातचीत और विचार-विमर्श करके मुद्दों को हल करने को उचित तंत्र और संचार माध्यम हैं।
दरअसल, उम्मीद की जा रही थी कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास कई क्षेत्रों में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तनाव 2017 के डोकलाम गतिरोध के बाद यह सबसे बड़ी सैन्य तनातनी का रूप ले सकती है। लेकिन भारत ने सूझबूझ से इस विवाद को बढ़ने से रोक लिया है। डोकलाम विवाद 18 जून 2017 में हुआ था, जब करीब 270 से 300 भारतीय सैनिकों डटकर मुकाबला कर चीन के सड़क निर्माण को रोक लिया। चीनी सेना के साथ 73 दिनों तक यह गतिरोध जारी रहा था और भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों के मंसूबों पर पानी फेरा था।
इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा कि वह भारत और चीन के सीमा विवाद में मध्यस्थता करने के लिए तैयार हैं। ट्रंप इससे पहले भारत और पाक के बीच भी मध्यस्थता की पेशकश की थी, लेकिन भारत सरकार खारिज कर चुकी है।