Edited By Seema Sharma,Updated: 10 Sep, 2018 08:20 AM
देश की सबसे बड़ी अदालत ने 6 सितम्बर को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 377 को लेकर ऐतिहासिक फैसला दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने धारा 377 को निरस्त कर समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर करते हुए एलजीबीटीक्यू (लेस्बियन, गे, बाइसैक्सुअल, ट्रांसजैंडर...
केंद्रपाड़ा (ओडिशा): देश की सबसे बड़ी अदालत ने 6 सितम्बर को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 377 को लेकर ऐतिहासिक फैसला दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने धारा 377 को निरस्त कर समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर करते हुए एलजीबीटीक्यू (लेस्बियन, गे, बाइसैक्सुअल, ट्रांसजैंडर और क्विअर) समुदाय के लोगों के लिए सम्मानित जीवन व्यतीत करने का मार्ग खोल दिया था। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का अब असर दिखना शुरू हो गया है।
ओडिशा की पहली और एकमात्र ट्रांसजैंडर अफसर ऐश्वर्य रितुपर्णा प्रधान एक ट्रांसजैंडर से शादी करने जा रही हैं। इतना ही नहीं, उनका कहना है कि अगर कानून इजाजत देता है तो वह शादी के बाद एक लड़की को भी गोद लेना चाहेंगी। वह बीते 2 साल से अपने पार्टनर के साथ लिव-इन में रह रही थीं। देश के अंदर यह पहला मामला होगा जब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कोई ट्रांसजैंडर शादी करने जा रही है। ओडिशा सरकार ने 2017 को राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से ट्रांसजैंडर ऐश्वर्य को पहचान प्रदान की थी। ऐश्वर्य अभी ओडिशा फाइनैंस सर्विस (ओ.एफ.एस.) अफसर हैं। फिलहाल वह पारादीप पोर्ट टाऊन में वाणिज्यिक कर अधिकारी हैं। उनका कहना है कि अब वह खुद को आजाद महसूस कर रही हैं। मेरी अंतरात्मा जो पाना चाहती थी वह अब पूरा होगा।