Edited By vasudha,Updated: 21 Jul, 2018 02:40 AM
मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सदन में राफेल डील पर जोरदार बहस देखने को मिली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के गंभीर आरोपों का रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के बाद अब फ्रांस की भी प्रतिक्रिय सामने आई है...
नेशनल डेस्क: मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सदन में राफेल डील पर जोरदार बहस देखने को मिली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के गंभीर आरोपों का रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के बाद अब फ्रांस की भी प्रतिक्रिय सामने आई है। फ्रांस सरकार ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि दोनों देशों में सूचना को गोपनीय रखने का करार था। वहीं राहुल ने पलटवार करते हुए कहा कि मैं अपने बयान पर कायम हूं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मैंने फ्रांस के राष्ट्रपति से इमैनुएल मैक्रों से बात की थी। उन्हें मना करना है तो करने दीजिए। उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रपति से बातचीत के समय आनंद शर्मा और मनमोहन सिंह भी मौजूद थे। दरअसल मैक्रों ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा कि राफेल डील को सार्वजनिक नहीं कर सकते। उन्होंने पुष्टि की कि भारत और फ्रांस के बीच 2008 में समझौता हुआ था जो गोपनीयता रखा गया।
बता दें कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राहुल ने आरोप लगाया कि राफेल विमान सौदे के विभिन्न आयामों को लेकर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश से असत्य बोला। उन्होंने दावा किया था कि वह फ्रांस के राष्ट्रपति से स्वयं मिले। जिस दौरान राष्ट्रपति ने बताया कि राफेल विमान सौदे को लेकर भारत और फ्रांस की सरकार के बीच गोपनीयता का कोई समझौता नहीं हुआ है।
वहीं रक्षा मंत्री ने इस पर सफाई देते हुए कहा था कि जब कांग्रेस की सरकार थी उस समय तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी ने फ्रांस की सरकार के साथ सीक्रेसी अग्रीमेंट्स किया था। उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस के अध्यक्ष जब फ्रेंच प्रेजिडेंट से मिले तो क्या बात हुई नहीं पता। बता दें कि पूरा मामला राफेल की कीमत को लेकर है। कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार ने प्लेन की कीमत बढ़ा दी।