Edited By Tanuja,Updated: 25 Aug, 2018 03:48 PM
अपना दबदबा बढ़ाने के लिए चीन श्री लंका में भारत को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा। अब पेइचिंग श्री लंका के उत्तरी इलाके में मकान और सड़कों का निर्माण करना चाहता है...
बीजिंगः अपना दबदबा बढ़ाने व भारत को घेरने के लिए चीन ने अब श्रीलंका को मोहरा बनाया है । इसके लिए पेइचिंग श्री लंका के उत्तरी इलाके में मकान और सड़कों का निर्माण करना चाहता है। इनमें से ज्यादातर गृहयुद्ध के एक दशक के बाद भी बदहाल स्थिति में हैं। बताया जा रहा है कि क्षेत्र में अपना दबदबा बढ़ाने के लिए चीन यह पहल कर रहा है। कहा जा रहा है कि घर बनाने का प्रॉजेक्ट कहीं भारत के हाथ न लग जाए, इसलिए चीन इसे कम कीमत पर भी करने को तैयार है।
कोलंबो में चीनी दूतावास के राजनीतिक मामलों के प्रमुख लुओ शोंग ने कहा कि चीन श्री लंका के उत्तर और दक्षिण में पुनर्निमाण कार्य को लेकर मदद करना चाहता है। बता दें कि श्रीलंका सरकार और तमिल अलगाववादी गुट में इसी जगह पर 26 साल तक युद्ध चला, जो 2009 में खत्म हुआ था। शोंग ने कहा कि अब स्थिति बदल चुकी है। हम उत्तर और दक्षिण के दूरस्थ इलाकों में और प्रॉजेक्ट लाना चाहते हैं।
यह सब श्रीलंका सरकार और तमिल समुदाय की मदद से करना चाहते हैं।' अप्रैल में, चाइना रेलवे पेइचिंग इंजीनियरिंग ग्रुप कंपनी लिमिटेड 300 मिलियन डॉलर के साथ जाफना में 40 हजार घर बनाने का फैसला लिया था। चीन के एक्सिम बैंक को इसके लिए वित्त पोषण करना था। यह प्रॉजेक्ट उस समय रुक गया जब स्थानीय लोगों ने कंक्रीट की जगह ईंटों से घर बनाने की मांग की। लोगों ने इसके पीछे पारंपरिक आवास का हवाला दिया।
इस कदम से चीन के पुराने प्रतिद्वंद्वी माने जाने वाले भारत को एक मौका नजर आया। क्षेत्रीय तमिल राष्ट्रीय गठबंधन के सदस्य एमए सुमनाथिरन ने कहा कि अथॉरिटी ने हाउसिंग प्रॉजेक्ट के लिए बातचीत की है। भारत ने पहले फेज में 44 हजार घरों का निर्माण किया है। साथ ही पलाले एयरपोर्ट और केनकेसांथुरई हार्बर को पुनर्निमित करने की योजना बनाई है।