By election analysis: उपचुनाव नतीजे कहीं 2019 का ट्रेलर  तो नहीं?

Edited By Seema Sharma,Updated: 07 Nov, 2018 09:04 AM

by election analysis result of by election 2019 trailer

कर्नाटक के 3 लोकसभा और 2 विधानसभा सीटों पर आए चुनावी परिणामों ने तय कर दिया है कि उपचुनाव में भाजपा को साढ़े चार साल में हार दर हार का सामना करना पड़ा है, इसलिए राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है...

नेशनल डेस्क: कर्नाटक के 3 लोकसभा और 2 विधानसभा सीटों पर आए चुनावी परिणामों ने तय कर दिया है कि उपचुनाव में भाजपा को साढ़े चार साल में हार-दर-हार का सामना करना पड़ा है, इसलिए राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है कि कहीं उपचुनाव परिणाम लोकसभा चुनाव का ट्रेलर तो नहीं है। साल 2014 में मोदी सरकार के गठन के बाद से पार्टी को लगातार उपचुनावों में शिकस्त झेलनी पड़ी है।
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2014 के लोकसभा चुनाव के बाद से अभी तक 30 लोकसभा सीटों पर उपचुनाव हुए हैं। भाजपा लगातार अपनी जीती हुई सीटों को एक-एक करके हारती जा रही है। 
नरेंद्र मोदी की अगुआई में 282 सीटों पर कमल खिलाने वाली भाजपा 1984 के बाद के 30 साल में अपने दम पर बहुमत हासिल करने वाली पहली पार्टी बनी थी। 2014 के बाद से 30 लोकसभा सीटों पर उपचुनाव हुए हैं, जिनमें से 16 सीटें भाजपा के कब्जे में थीं, लेकिन अब इनमें से महज 6 सीटें ही भाजपा बरकरार रख सकी है। पार्टी ने 10 सीटें गंवा दी हैं। यही वजह है कि लोकसभा में उसकी सीटों का आंकड़ा 282 से घटकर 272 रह गया है।
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5 राज्यों के चुनावों पर भी नतीजे का असर!
इन उपचुनावों पर सभी की निगाहें इसलिए टिकी थीं, क्योंकि इनके नतीजों का असर कांग्रेस और जे.डी.एस. गठबंधन पर भी पड़ेगा। जहां तक भाजपा के लिए इन नतीजों का सवाल है तो कई मायनों में यह भगवा ब्रिगेड के लिए सही नहीं है। इनसे एक बात तो तय हो गई है कि पार्टी गठबंधन से लड़ने की हैसियत नहीं रखती है। यही नहीं, इन नतीजों का असर आगे 5 राज्यों में होने वाले चुनावों पर भी पड़ेगा। मई में हुए चुनावों के दौरान दोनों पार्टियां एक-दूसरे के खिलाफ लड़ी थीं, लेकिन नतीजे आने के बाद गठबंधन कर लिया था। ऐसे में, 2019 चुनाव से पहले गठबंधन की ताकत, आपसी तालमेल और जनता पर असर की परख इन चुनावों में देखने को मिली। गठबंधन के प्रदर्शन से भाजपा के लिए मुश्किल हालात पैदा हो गए हैं।
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कांग्रेस का बढ़ेगा मनोबल
ये नतीजे कर्नाटक की राजनीति के लिहाज से बेहद अहम माने जा रहे हैं। खासकर, उपचुनाव के नतीजों के बाद 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस-जे.डी.एस. मजबूत मनोबल के साथ मैदान में उतरेगी, वहीं भाजपा को एक बार फिर से अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरना होगा। 
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दूसरे राज्यों पर भी हो सकता है असर
इन नतीजों से गठबंधन की राजनीति को ताकत मिलने की उम्मीद है। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे बड़े राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं और अगले साल लोकसभा चुनाव होंगे। कांग्रेस-जे.डी.एस. का पहले से ही मानना है कि इन राज्यों के चुनावों पर कर्नाटक उपचुनाव का असर पड़ेगा। ऐसे में, मिली जीत गठबंधन के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।

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