Edited By Yaspal,Updated: 15 Nov, 2018 09:52 PM
वर्ष 1971 से पूर्व असम आने वाले वैसे भारतीय नागरिकों को एनआरसी में शामिल किया जाएगा अगर उनके दावे और आपत्तियों के निस्तारण के...
नई दिल्लीः वर्ष 1971 से पूर्व असम आने वाले वैसे भारतीय नागरिकों को एनआरसी में शामिल किया जाएगा अगर उनके दावे और आपत्तियों के निस्तारण के दौरान ऐसे लोगों की नागरिकता का निर्धारण निस्संदेह तरीके से हो जाता है। यह मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का हिस्सा है, जिसे राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के प्रदेश समन्वयक प्रतीक हजेला ने उच्चतम न्यायालय को सौंपा है। उच्चतम न्यायालय ने एनआरसी में नामों को शामिल करने के लिए दावा और आपत्तियां दर्ज कराने के लिए 15 दिसंबर की तारीख निर्धारित की है।
एसओपी दायर करते समय एनआरसी समन्वयक ने कहा कि ऐसे ²ष्टांत हैं जहां कुछ लोग 24 मार्च 1971 से पूर्व भारत के किसी हिस्से में (असम से बाहर) में अपने निवास के बारे में संतोषप्रद दस्तावेज मुहैया कराने में सक्षम हैं। ऐसे में उनके मामले पर नागरिकता (नागरिकों के पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करना) नियमावली, 2003 की नियम संख्या चार और इसकी अनुसूची की धारा 3 (3) के तहत विचार किया जाएगा।