Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Apr, 2018 07:27 PM
वायु सेना ने आज कहा कि देश में ही बने हल्के लडाकू विमान तेजस सहित उन्नत मिग-29 और मिराज-2000 लड़ाकू विमान युद्ध की कसौटी पर पूरी तरह खरे उतरे हैं और उनमें दुश्मन को धूल चटाने का दमखम है...
नेशनल डेस्क: वायु सेना ने आज कहा कि देश में ही बने हल्के लडाकू विमान तेजस सहित उन्नत मिग-29 और मिराज-2000 लड़ाकू विमान युद्ध की कसौटी पर पूरी तरह खरे उतरे हैं और उनमें दुश्मन को धूल चटाने का दमखम है। वायु सेना के सूत्रों के अनुसार सेना और नौसेना के साथ मिलकर लगातार 15 दिनों तक पाकिस्तान और चीन की सीमाओं से लगते क्षेत्रों में दिन-रात युद्ध जैसी परिस्थितियों से निपटने के लिए अभ्यास किया गया था जिसे शक्ति नाम दिया गया।
8 तेजस विमानों ने लिया अभ्यास में हिस्सा
आठ अप्रैल से 22 अप्रैल तक चले इस अभ्यास में वायु सेना ने अपने तमाम संसाधनों को झोंक दिया और उसके विमानों ने देश भर में अलग अलग ठिकानों से 11 हजार से अधिक उड़ान भरी जिनमें से अकेले लड़ाकू विमानों ने 9 हजार बार आकाश का सीना चीरते हुए अपने दमखम का जौहर दिखाया। सूत्रों ने बताया कि 8 तेजस विमानों ने अभ्यास में हिस्सा लिया और सभी ने उन्हें दिये गये मिशनों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। इन मिशनों में जमीनी हमला भी शामिल था जिसे तेजस विमानों ने बखूबी अंजाम दिया।
परखे गए सभी हवाई हथियार
तेजस ने दिन में छह बार उड़ान भरकर अपना दम खम दिखाया। हालाकि 6 विमानों में पहले दिन ‘स्नैग’ आया लेकिन उन्हें कुछ ही घंटों में दुरूस्त कर दिया गया। ये स्नैग अलग अलग तरह के थे और सभी विमानों में देखने को मिलते हैं। उन्होंने कहा कि तेजस अच्छा विमान है और वायु सेना इनको बडी संख्या में बेड़े में शामिल करना चाहती है लेकिन इसके लिए इनका उत्पादन बढ़ाये जाने की जरूरत है। वायु सेना ने लड़ाकू बेड़े के मुख्य विमानों मिग-29 और मिराज-2000 को हाल में उन्नत बनाया है और इसके बाद पहली बार इन विमानों ने अभ्यास में अपना दम खम दिखाया। सूत्रों के अनुसार ये दोनों विमान भी इस कसौटी पर खरे उतरे। अभ्यास में आकाश मिसाइल सहित लगभग सभी हवाई हथियारों को परखा गया। इस दौरान अचूक हमला करने वाले हथियारों पर विशेष जोर दिया गया था।