Edited By Tanuja,Updated: 06 Oct, 2018 03:43 PM
पर्यावरण से जुड़े मसलों के लिए काम करने वाले संगठन ग्रीनपीस की रिपोर्ट में अमेरिका के कचरे को लेकर नया खुलासा किया गया है। चीन द्वारा विदेशी कचरे के आयात पर रोक के बाद अमेरिका ने एशिया के विकासशील व गरीब देशों में अपने प्लास्टिक कचरे का ढेर लगा...
वॉशिंगटनः पर्यावरण से जुड़े मसलों के लिए काम करने वाले संगठन ग्रीनपीस की रिपोर्ट में अमेरिका के कचरे को लेकर नया खुलासा किया गया है। चीन द्वारा विदेशी कचरे के आयात पर रोक के बाद अमेरिका ने एशिया के विकासशील व गरीब देशों में अपने प्लास्टिक कचरे का ढेर लगा दिया है। इस साल के शुरुआती छह महीनों में अमेरिका ने अपने कुल प्लास्टिक कचरे का आधा हिस्सा थाईलैंड, मलेशिया और वियतनाम जैसे देशों में रिसाइकल करने को भेजा।
पर्यावरण से जुड़े मसलों के लिए काम करने वाले संगठन ग्रीनपीस के रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। इसमें बताया गया है कि अमेरिका ने पिछले साल अपना 70 प्रतिशत कचरा चीन और हांगकांग में निर्यात किया था। इससे पहले चीन प्लास्टिक कचरे का दुनिया का सबसे बड़ा आयातक था। उसके फैसले ने पश्चिमी देशों की पेशानियों पर बल डाल दिए थे। अमेरिका के अलावा, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान और मैक्सिको अपना प्लास्टिक कूड़ा चीन को भेजते थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका अब उन देशों का फायदा उठा रहा है, जहां प्लास्टिक कचरे के रिसाइकल को लेकर कोई नियम कानून नहीं है।
गार्जियन को ग्रीनपीस अमेरिका के कैंपेन डायरेक्टर जॉन होसवार ने बताया कि अमेरिकी कंपनियां अपने कचरे की जिम्मेदारी खुद लेने से बच रही हैं। वे नियम कानून न होने का फायदा उठाते हुए विकासशील देशों को निशाना बना रही । इस कचरे में प्लास्टिक बोतल, प्लास्टिक बैग जैसा सामान होता है. हालांकि यह दिखने में सामान्य है लेकिन इनमें जहरीले तत्व हो सकते हैं। उन्होंने चेताया कि चीन की पाबंदी के बाद पता चलता है कि दुनियाभर में प्लास्टिक के कचरे की कितनी बड़ी समस्या है। पिछले साल अमेरिका ने 949,789 मीट्रिक टन कचरा निर्यात किया था जबकि इस साल यह आंकड़ा 666,780 मीट्रिक टन ही रहा है।