Edited By Tanuja,Updated: 03 May, 2018 04:40 PM
भारत में बकरियां भले ही मैदान में घास चरती नजर आती हैं, लेकिन मुस्लिम देश मोरक्को में पेड़ पर चढ़कर फल खाती हुई बकरियों के दृश्य आम हैं...
मराकेशः भारत में बकरियां भले ही मैदान में घास चरती नजर आती हैं, लेकिन मुस्लिम देश मोरक्को में पेड़ पर चढ़कर फल खाती हुई बकरियों के दृश्य आम हैं। मोरक्को की बकरियां पेड़ों पर चढ़ने में एक्सपर्ट होती हैं। यहां बकरियों को पेड़ों पर चढ़ने के लिए बाकायदा प्रशिक्षण भी दिया जाता है। दरअसल, ऐसा बकरियों के मालिक अपने फायदे के लिए करते हैं। पेड़ पर चढ़कर उसके फल खाने के बाद बकरियां जो उल्टी या मल करती हैं, उससे लाखों की कमाई होती है।
मोरक्को में बकरियां आर्गन के पेड़ पर चढ़ती हैं। इस पेड़ पर लगने वाले फल का स्वाद गजब का होता है, जिसके लिए बकरियां 30 फुट की ऊंचाई तक चढ़ने से भी नहीं घबरातीं। बकरियों के मालिक भी इन्हें पेड़ों पर चढ़ाना सिखाते हैं और इस काम में उनकी मदद भी करते हैं, ताकि वो इन फलों को खा सकें।आर्गन के पेड़ पर लगने वाले फल को बकरियां खाना काफी पसंद करती हैं, लेकिन वे इसके बीज पचा नहीं पाती हैं और उन्हें मल या उल्टी के जरिए शरीर से निकाल देती हैं। ये उल्टी यामल ही बकरियों के मालिकों के काम की चीज होती है। जब बकरियां उल्टी या मल करती हैं, तो गांव वाले उसे इकठ्ठा करते हैं। उनमें से बीज अलग कर अंदर मौजूद छोटी-सी फली को निकाला जाता है।
जानकारों की मानें तो बकरी की पाचन क्रिया से निकलने के बाद फली काफी मुलायम हो जाती है और उसे फोड़कर तेल निकालना आसान हो जाता है। इस फली को भूनने के बाद इनसे आर्गन का तेल निकाला जाता है, जो कॉस्मेटिक इंडस्ट्री में काफी ज्यादा इस्तेमाल की जाती है। इस तेल के एक लीटर बोतल की कीमत 60 हजार से ज्यादा होती है।
मोरक्को जैसे देशों में आर्गन के तेल का व्यापार तेजी से फल-फूल रहा है। कॉस्मेटिक इंडस्ट्री के लोग बकरी के मल से निकलने वाले तेल के बदले अच्छी खासी कीमत अदा कर रहे हैं। ।