Edited By Anil dev,Updated: 15 Nov, 2018 04:31 PM
दक्षिण अफ्रीका के एक विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने मानव मूत्र की मदद से ईंट बनाई है। पर्यावरण अनुकूल इमारत निर्माण सामग्री की तलाश में यह ताजा नवाचार है। यानी भविष्य में मानव मूत्र के बेहतर इस्तेमाल की उम्मीद की जा सकती है
केपटाउन: दक्षिण अफ्रीका के एक विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने मानव मूत्र की मदद से ईंट बनाई है। पर्यावरण अनुकूल इमारत निर्माण सामग्री की तलाश में यह ताजा नवाचार है। यानी भविष्य में मानव मूत्र के बेहतर इस्तेमाल की उम्मीद की जा सकती है और यह नए घरों या कार्यालयों की इमारत के निर्माण में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। अनुसंधानकर्ताओं को आशा है कि दुनिया में अपनी तरह के पहले नवाचार में जैव-ईंटें बेहतर विकल्प की संभावना खोल सकती हैं।
प्रयोगशाला में बनाई गई सफलतापूर्वक पहली जैव-ईंट
मूत्र की मदद से इस ईंट को बनाने की तकनीक समुद्र में सीप के प्राकृतिक निर्माण जैसी ही है जिसे बनने में छह से आठ दिन का समय लगता है। यह नूतन कार्य केपटाउन विश्वविद्यालय के दो छात्रों और एक शिक्षक की दिमाग की उपज है। सरकारी जल अनुसंधान परिषद से अनुदान मिलने पर पिछले साल कृत्रिम यूरिया की मदद से इसका व्यावहारिकता अध्ययन कराया गया और इसके बाद अध्ययन में मानव मूत्र का इस्तेमाल किया गया। शिक्षकम डायलॉन रानडॉल ने कहा, ‘‘मैं हमेशा से यह जानने का उत्सुक था कि हम इसी काम के लिए मूत्र का इस्तेमाल क्यों नहीं किया जा सकता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस जवाब है कि हां, हम कर सकते हैं।’’ इसके एक साल बाद, उन्होंने प्रयोगशाला में पहली जैव-ईंट सफलतापूर्वक बनाई।