डायरी से हुआ खुलासा, शुरू में नस्ली विचार रखते थे आइंस्टाइन

Edited By Isha,Updated: 17 Jun, 2018 05:48 PM

revealed to the diary initially raising racial ideas einstein

नोबेल पुरस्कार से सम्मानित वैज्ञानिक अल्बर्न आइंस्टाइन की डायरी से इस बात का खुलासा हुआ है कि चीनी लोगों के संबंध में वह नस्ली विचार रखते थे और उन्हें बौद्धिक रूप से कमतर आंकते थे।  चीन , सिंगापुर

लंदनः नोबेल पुरस्कार से सम्मानित वैज्ञानिक अल्बर्न आइंस्टाइन की डायरी से इस बात का खुलासा हुआ है कि चीनी लोगों के संबंध में वह नस्ली विचार रखते थे और उन्हें बौद्धिक रूप से कमतर आंकते थे।  चीन , सिंगापुर , हांगकांग , जापान , फलस्तीन और स्पेन जैसे देशों की यात्रा के दौरान महान वैज्ञानिक के पास जो डायरी थी , उसमें उन्होंने चीन को ‘ अजीब लोगों का देश ’ बताया था। उन्होंने चीन के नागरिकों को ‘ इंसानों से अधिक मशीनी लोग ’ करार दिया था।

कालांतर में आइंस्टाइन ने नस्लवाद को ‘ गोरे लोगों की बीमारी ’ कहा था और अमेरिका में नागरिक अधिकारों के प्रमुख पैरोकार के तौर पर उभरे थे। हालांकि ‘ द ट्रेवल डायरीज ऑफ अल्बर्ट आइंस्टाइन ’ बताती है कि पूर्व और पश्चिम एशिया की अपनी शुरुआती यात्रा के दौरान जर्मन वैज्ञानिक ऐसा नहीं सोचते थे।  इस यात्रा वृतांत का अनुवाद पहली बार जर्मन से अंग्रेजी में किया गया है।

आइंस्टाइन ने अपने यात्रा संस्मरण में लिखा है कि चीनी लोग खाते समय बेंच पर नहीं बैठते लेकिन खुद को आराम देने के लिए यूरोप के लोगों की तरह पालथी मारकर बैठते हैं। सीलोन की यात्रा के बारे में आइंस्टाइन ने लिखा कि वहां के लोग बहुत गंदगी में रहते हैं। यह जगह अब श्रीलंका में हैं। ‘ द टेलीग्राफ ’ की खबर के मुताबिक जापानी लोगों के बारे में उनकी राय थोड़ी उदार थी। उन्होंने वहां के लोगों को ‘ सहज , नम्र और कुल मिलाकर बहुत अधिक आर्किषत करने वाला ’ बताया है।  
 

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