Edited By Pardeep,Updated: 27 May, 2018 06:13 AM
आयरलैंड के भारतीय मूल के प्रधानमंत्री लियो वराडकर ने गर्भपात के मुद्दे पर हुए ऐतिहासिक जनमत संग्रह में आज जीत मिलने की घोषणा की। यह जनमत संग्रह गर्भपात पर लगे प्रतिबंध को हटाने को लेकर किया गया। इस संबंध में आई पहली आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक...
लंदन: आयरलैंड में जनमत संग्रह से गर्भपात पर लगे प्रतिबंध को खत्म कर दिया गया है। यह जनमत संग्रह गर्भपात पर लगे प्रतिबंध को हटाने को लेकर किया गया था। इस संबंध में आई पहली आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक गर्भापत के खिलाफ किए गए संशोधन को निरस्त करने की मांग को 66 प्रतिशत लोगों का समर्थन हासिल हुआ था। गौरतलब है कि भारतीय मूल के प्रधानमंत्री लियो वराडकर ने गर्भपात के मुद्दे पर हुए ऐतिहासिक जनमत संग्रह में शनिवार को जीत मिलने की घोषणा की थी। वराडकर ने कहा, " लोगों ने अपनी राय जाहिर कर दी। उन्होंने कहा है कि एक आधुनिक देश के लिए एक आधुनिक संविधान की जरूरत है। ’’
उन्होंने कहा कि आयरलैंड के मतदाता ,"महिलाओं के सही निर्णय लेने और अपने स्वास्थ्य के संबंध में सही फैसला करने के लिए उनका सम्मान और उन पर यकीन करते हैं।’’ उन्होंने कहा, " हमने जो देखा वह आयरलैंड में पिछले 20 सालों से हो रही शांत क्रांति की पराकाष्ठा है।’’ आठवें संशोधन को निरस्त करने के पक्ष में पड़े मत कानून में बदलाव के लिए आयरलैंड की संसद का मार्ग प्रशस्त करते हैं।
गौरतलब है कि आयरलैंड में भारतीय दंतचिकित्सक सविता हलप्पनवार को 2012 में गर्भपात की इजाजत नहीं मिलने पर एक अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी। उनकी मौत ने देश में गर्भपात पर चर्चा छेड़ दी। सविता के पिता आनंदप्पा यालगी ने कर्नाटक स्थित अपने घर से कहा कि उन्हें आशा है कि आयरलैंड के लोग उनकी बेटी को याद रखेंगे।
हलप्पनवार के पिता अनदंप्पा यालगी ने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि आयरलैंड के लोग जनमत संग्रह के दिन मेरी बेटी सविता को याद रखेंगे और जो उसके साथ घटित हुआ ऐसा किसी अन्य परिवार के साथ नहीं होना चाहिए।' उन्होंने कर्नाटक में अपने घर से फोन पर 'द गार्डियन' को बताया, 'मैं उसके बारे में हर दिन सोचता हूं। 8वें संशोधन के कारण उन्हें चिकित्सा उपचार नहीं मिला। उन्हें कानून बदलना होगा।'