Edited By Pardeep,Updated: 16 Jan, 2019 08:43 AM
ब्रिटिश सांसदों ने प्रधानमंत्री थैरेसा मे की ब्रेग्जिट डील को एक बड़े अंतर से खारिज कर दिया है जिसने यू.के. की राजनीति को यूरोपीय संघ छोडऩे के कारण देश को 10 सप्ताह पहले संकट में डाल दिया है।
लंदन: ब्रिटिश सांसदों ने प्रधानमंत्री थैरेसा मे की ब्रेग्जिट डील को एक बड़े अंतर से खारिज कर दिया है जिसने यू.के. की राजनीति को यूरोपीय संघ छोडऩे के कारण देश को 10 सप्ताह पहले संकट में डाल दिया है। थैरेसा मे को 432 में से केवल 202 सांसदों का समर्थन मिल सका। इस तरह मे ब्रेग्जिट की ऐतिहासिक जंग हार गई। प्रधानमंत्री थैरेसा मे की योजना को मिली इस ऐतिहासिक हार के बाद विपक्षी लेबर पार्टी ने सरकार के खिलाफ अविश्वास मत का प्रस्ताव दिया है।
लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कोर्बिन ने कहा कि संसद ने जिस तरह से प्रधानमंत्री की ब्रेग्जिट डील को खारिज किया है उससे साफ है कि सरकार ने सदन का विश्वास खो दिया है। ब्रेग्जिट डील पर मिली इतनी बड़ी हार के बाद थैरेसा मे के राजनीतिक भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं। अगर बुधवार को थैरेसा मे सदन का विश्वास हासिल करने में नाकाम रहती हैं तो उन्हें या किसी और को 14 दिनों के अंदर सदन का विश्वास हासिल करने का मौका मिलेगा। लेकिन अगर कोई सरकार नहीं बन पाती है तो फिर ब्रिटेन में आम चुनाव की घोषणा होगी। मतदान से पहले थैरेसा मे ने अपनी योजना को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किया।
आगे क्या होगा
- थैरेसा मे संसद में दोबारा यह योजना पेश कर सकती हैं और संसद की मंज़ूरी हासिल कर सकती हैं।
- वह यूरोपीय संघ से दोबारा बातचीत कर सकती हैं और एक नए समझौते के साथ संसद में आ सकती हैं।
- ब्रेग्जिट को लेकर जनता के पास दोबारा जनमत संग्रह के लिए भी जाया जा सकता है।
- लेकिन अगर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ तो 29 मार्च, 2019 को ब्रिटेन बिना किसी समझौते के यूरोपीय संघ से अलग हो जाएगा।
उल्लेखनीय है कि 18 महीने तक चली बातचीत की प्रक्रिया के बाद नवंबर में यूरोपीय संघ के साथ ब्रेक्जिट समझौते पर सहमति हुई थी। दिसंबर में समझौते को लेकर निम्न सदन (हाउस ऑफ कॉमन्स) में मतदान होना था लेकिन हार के डर से इसे टाल दिया गया था। इसके बाद से वह सांसदों को स्पष्टीकरण दे रही थीं और उन्हें उम्मीद थी कि वह सांसदों को मना लेंगी।