Edited By Isha,Updated: 22 Aug, 2018 12:44 PM
करीब सात दशक में पहली बार उत्तर और दक्षिण कोरिया के बुजुर्ग लोग अपने परिजन से मिले और तीन दिन की मुलाकात के बाद आज उनके जुदा होने का वक्त आ गया। वर्ष 1950-53
सोलः करीब सात दशक में पहली बार उत्तर और दक्षिण कोरिया के बुजुर्ग लोग अपने परिजन से मिले और तीन दिन की मुलाकात के बाद आज उनके जुदा होने का वक्त आ गया। वर्ष 1950-53 के कोरियाई युद्ध ने प्रायद्वीप को डिमिलिटराइज जोन से अलग कर लाखों लोगों को अपनों से जुदा कर दिया था।
इस दौरान बहुत से लोगों का निधन हो गया और जीवित लोगों में से करीब 60 हजार दक्षिण कोरियाई लोगों ने अपने संबंधियों से मिलने के लिए पंजीकरण कराया था। परिवारों को मिलवाने वाले इस कार्यक्रम में 89 परिवारों को चुना गया वहीं इतनी ही संख्या में परिवारों को इस सप्ताह के अंत में मिलवाया जाएगा। इन परिवारों को केवल तीन दिन में अपनों से मिलना और उनकी यादों को सहेजना है। इसके बाद इन्हें अपने अपने घर लौटना होगा।
आज इन लोगों की वापसी का दिन है। दक्षिण कोरिया के 77 वर्षीय ली सू नैम वापसी के दिन उत्तर कोरिया के अपने रिश्तेदार से कहते हैं कि वह अपने सभी भाई-बहन और उनके बच्चों के नाम कागज पर लिख कर दें ताकि जब तक वह जिंदा रहें उनके नामों से परिचित रहें। ली कहते हैं,‘‘मैं कैसा महसूस कर रहा हूं वह शब्दों में बयां नहीं कर सकता। हम कब मिलेंगे? कोई नहीं जानता। यह बहुत दुखद है। काश की हम जवान होते।’’ रवाना होने के पहले दक्षिण कोरिया के किम बायुंग ओ (88) अपनी छोटी बहन को देख कर रोने लगे। दोनों बिना कुछ बोले एक दूसरे का हाथ पकड़ कर देर तक रोते रहे।