Edited By Isha,Updated: 18 Oct, 2018 11:41 AM
सऊदी अरब के नागरिक और वाशिंगटन पोस्ट के लिए काम कर रहे पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के मामले में ईरान का रवैया एक मूक दर्शक जैसा है और इसने उसके क्षेत्रीय प्रतिदंद्वी सऊदी अरब के लिए एक तरह से संकट पैदा कर दिया है। गौरतलब है कि जमाल खशोगी दो अक्टूबर...
इंटरनैशनल डेस्कः सऊदी अरब के नागरिक और वाशिंगटन पोस्ट के लिए काम कर रहे पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के मामले में ईरान का रवैया एक मूक दर्शक जैसा है और इसने उसके क्षेत्रीय प्रतिदंद्वी सऊदी अरब के लिए एक तरह से संकट पैदा कर दिया है। गौरतलब है कि जमाल खशोगी दो अक्टूबर को इस्तामबुल के सऊदी वाणिज्य दूतावास में जातेे समय आखिरी बार देखा गया था और उसके बाद से खशोगी के बारे में कोई जानकारी नहीं है। बुधवार तक ईरान की इस मामले में कोई भी प्रतिक्रिया नहीं आई थी।
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बहराम घासेमी ने एक संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों के सवालों की बौछारोंं का सामना करतेेेे हुए कहा था कि ईरान घटनाओं पर बारीकी से नजर रख रहा है। इस बीच सुुधारवादी लेेखन के लिए विख्यात समाचार पत्र अरमान के स्तंभकार रेजा गाबीशावी ने इस मामले में ईरानी नेताओं की चुप्पी को स्वीकार किया है। उनका कहना है कि खशोगी ईरान का मित्र नहीं था और उसने यमन, सीरिया तथा इराक में ईरानी हस्तक्षेप की जोरदार आलोचना की थी तेहरान टाइम्स ने इस बात पर जोर दिया है कि पश्चिम देशों की तरफ से जिस प्रकार सऊदी शासकों को समर्थन मिल रहा है उसे देखते हुए खशोगी के साथ हुए बर्ताव को लेकर कोई आश्चर्य नहीं व्यक्त किया जाना चाहिए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मामले में प्रतिक्रिया करते हुए कहा था कि शैतानों ने उनकी हत्या कर दी होगी। इस बीच, सीएनएन और वाल स्ट्रीट जर्नल ने अनाम सूत्रों के हवाले से कहा है कि सऊदी अरब एक रिपोर्ट तैयार कर रहा है जिसमें इस बात को स्वीकार किया जाएगा कि खाशोगी की हत्या पूछताछ के दौरान हुई थी।