Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Jun, 2018 08:47 PM
ईरान ने बुधवार को कहा कि वह उसके और विश्व शक्तियों के बीच 2015 के करार के विफल होने की स्थिति में अपनी परमाणु गतिविधियां दोबारा शुरू करने की तैयारी में लगा है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) में ईरान के राजदूत रजा नजफी ने आईएईए बोर्ड की...
वियना: ईरान ने बुधवार को कहा कि वह उसके और विश्व शक्तियों के बीच 2015 के करार के विफल होने की स्थिति में अपनी परमाणु गतिविधियां दोबारा शुरू करने की तैयारी में लगा है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) में ईरान के राजदूत रजा नजफी ने आईएईए बोर्ड की वियना में कहा , ‘ईरान बिना किसी सीमा के अपनी गतिविधियां दोबारा शुरू कर सकता है। ’
करार के भविष्य को अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले महीने अमरीका के इससे अलग होने की घोषणा करके खतरे में डाल दिया है। इस करार को संयुक्त व्यापक कार्रवाई योजना (जेसीपीओए) के नाम से जाना जाता है। नजफी ने जिस तैयारी का उल्लेख किया है वह नये सेंट्रीफ्यूज का निर्माण करके यूरेनियम संवद्र्धन की क्षमता बढ़ाने के बारे में है। इसकी रूपरेखा मंगलवार को उपराष्ट्रपति अकबर सालेही ने पेश की थी। वह ईरानी परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रमुख भी हैं।
नजफी ने कहा कि इसके अलावा ईरान ने आईएईए को इस्फहान में अपने यूरेनियम रूपांतरण संयंत्र में गतिविधि दोबारा शुरू करने की योजना बताई है ताकि सेंट्रीफ्यूज के लिए यूएफ 6 फीडस्टॉक का उत्पादन किया जा सके। आईएईए ने मंगलवार को इस बात की पुष्टि की कि उसे ‘चार जून को ईरान से एक पत्र मिला जिसमें एजेंसी को यूएफ 6 का उत्पादन शुरू करने के अनुमानित कार्यक्रम की जानकारी दी गई है। ’
नजफी ने इस बात पर जोर दिया कि इन कदमों का मतलब यह नहीं है कि ईरान फिलहाल जेसीपीओए के विपरीत कोई गतिविधि शुरू कर देगा। समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले शेष देश ट्रंप की घोषणा के बाद से इसे बचाने के उपाय ढूंढने में लगे हुए हैं।