Edited By Niyati Bhandari,Updated: 28 May, 2018 05:39 PM
पैरों में पहने जूते-चप्पल जीवन में खास भूमिका अदा करते हैं। साफ-चमकते जूते जेंटलमैन व्यक्ति की निशानी माने जाते हैं। क्या आप जानते हैं फूटवियर का संबंध वास्तु और ज्योतिष से भी है। इनसे घर के वातावरण में सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है।
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पैरों में पहने जूते-चप्पल जीवन में खास भूमिका अदा करते हैं। साफ-चमकते जूते जेंटलमैन व्यक्ति की निशानी माने जाते हैं। क्या आप जानते हैं फूटवियर का संबंध वास्तु और ज्योतिष से भी है। इनसे घर के वातावरण में सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है। शास्त्रों में भी इस संदर्भ में बहुत सारी हिदायतें दी गई हैं। पुराणों में कहा गया है जूते-चप्पल घर के अंदर नहीं लाने चाहिए। धार्मिक दृष्टिकोण से भी ऐसा करना अशुभ प्रभाव देता है। विज्ञान भी सनातन धर्म की इस बात पर अपनी सहमती देता है।
हर हिंदू घर में मंदिर होता है, जिसमें अपने इष्ट को विराजित कर श्रद्धा और आस्था से उनका पूजन किया जाता है। जिससे दैवीय शक्ति उस घर को अपना आशियाना बना लेती हैं। अत: इस स्थान पर जूते पहन कर जाने से पवित्रता का नाश होता है।
घर की रसोई में देवी अन्नपूर्णा का वास होता है। खाना बनाने के लिए जिस आग का इस्तेमाल किया जाता है, उन्हें हिंदू धर्म में देव का दर्जा प्राप्त है। रसोई में फूटवियर पहनकर जाने से बरकत नहीं होती और इन दैवीय शक्तियों का भी अपमान होता है। विज्ञान की मानें तो किचन में चप्पल पहनकर जाने से गंदगी के रूप में बैक्टीरिया रसोई में प्रवेश कर जाते हैं। जिसका प्रभाव भोजन पर पड़ता है और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा हो जाती हैं।
कुछ लोगों की आदत होती है, वह जब जूते-चप्पल उतारते हैं तो इधर-उधर फैला कर रख देते हैं। कहते हैं इससे घर में अलक्ष्मी का वास होता है और ग्रहों की अशुभता भी हावी रहती है।
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