Edited By Niyati Bhandari,Updated: 21 Jan, 2019 09:39 AM
21 जनवरी, सोमवार को लगने जा रहे साल 2019 के पहले चंद्र ग्रहण को वैज्ञानिक ‘सुपर ब्लड वूल्फ मून’ का नाम दे रहे हैं। इस दिन आसमान में खगोलीय घटना का अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। हालांकि, यह भारत में नहीं,
ये नहीं देखा तो क्या देखा (Video)
21 जनवरी, सोमवार को लगने जा रहे साल 2019 के पहले चंद्र ग्रहण को वैज्ञानिक ‘सुपर ब्लड वूल्फ मून’ का नाम दे रहे हैं। इस दिन आसमान में खगोलीय घटना का अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। हालांकि, यह भारत में नहीं, केवल अफ्रीका, यूरोप, उत्तरी-दक्षिणी अमेरिका और मध्य प्रशांत में ही दिखाई देगा। ग्रहण भारत में दृश्य नहीं है इसलिए इसका कोई धार्मिक महत्व नहीं होगा, फिर भी ग्रह नक्षत्रीय प्रभाव हुए बिना नहीं रहेगा। माना जाता है कि ग्रहण के दौरान वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का संचार हो रहा होता है इसलिए गर्भवती स्त्रियों को घर से बाहर न निकलने की सलाह दी जाती है।
चंद्र ग्रहण के दौरान सूरज और चांद के बीच धरती यानी पृथ्वी आ जाती है। उस स्थिति में सूर्य एक तरफ, चंद्रमा दूसरी तरफ और पृथ्वी बीच में होती है। जब चंद्रमा धरती की छाया से निकलता है तो चंद्र ग्रहण पड़ता है, जैसे-जैसे चांद पृथ्वी के करीब पहुंचता है उसका रंग और भी चमकीला व गहरा हो जाता है और तांबे के रंग जैसे भूरा लाल दिखने लगता है। इसी अवस्था को ‘ब्लड मून’ भी कहा जाता है।
सूतक
भारतीय समय के अनुसार ये चंद्रग्रहण सुबह 10.11 बजे से शुरू होगा और तकरीबन 1 घंटा यानी 11.12 बजे तक रहेगा। सूतक 20 जनवरी की रात 9 बजे से ही शुरू हो गया है।
दान का महत्व
मान्यता है कि चन्द्र ग्रहण के बाद स्नान और दान करना बहुत अच्छा होता है इसलिए गेहूं, धान, चना, मसूर दाल, गुड़, चावल, काला कम्बल, सफेद-गुलाबी वस्त्र, चूड़ा, चीनी, चांदी-स्टील की कटोरी में खीर दान से खास लाभ मिलेगा।
चंद्रग्रहण में चंद्र देव की आराधना करनी चाहिए। चंद्र मंत्र - ‘क्षीरपुत्राय विद्महे अमृत तत्वाय धीमहि तन्नो चन्द्र: प्रचोदयात्’ का जप करें।