Edited By Supreet Kaur,Updated: 22 Oct, 2018 12:25 PM
पिछले कुछ सालों के दौरान अमेरिका को काजू निर्यात में गिरावट आई है। 2013-14 के दौरान भारत ने अमेरिका को 33,898 टन (15.05 अरब रुपए का) निर्यात किया था जो 2017-18 में लुढ़ककर 13,179 टन (9.06 अरब रुपए) रह गया। 2013-14 के दौरान अमेरिका भारत के का.........
नई दिल्लीः पिछले कुछ सालों के दौरान अमेरिका को काजू निर्यात में गिरावट आई है। 2013-14 के दौरान भारत ने अमेरिका को 33,898 टन (15.05 अरब रुपए का) निर्यात किया था जो 2017-18 में लुढ़ककर 13,179 टन (9.06 अरब रुपए) रह गया। 2013-14 के दौरान अमेरिका भारत के काजू निर्यातकों का सबसे बड़ा ठिकाना था। वियतनाम जैसे प्रतिस्पर्धी देशों द्वारा समान गुणवत्ता वाले उत्पाद देने के कारण यूरोपीय और अन्य पारंपरिक देशों में भी स्पष्ट रूप से गिरावट आई है।
भारतीय काजू निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसीआई) ने कहा है कि वह इन पारंपरिक बाजारों में गंवाई गई हिस्सेदारी फिर से हासिल करने के लिए विपणन रणनीति तलाश रही है। भारत के तीसरे सबसे बड़े निर्यात गंतव्य नीदरलैंड को जाने वाले निर्यात में भी मात्रा के हिसाब से गिरावट आई है और यह 2013-14 के 9,918 टन से घटकर 2017-18 में 8,650 टन रह गया है। हालांकि मूल्य के लिहाज से इस अवधि में यह 4.23 अरब रुपये से बढ़कर 5.84 अरब रुपए हो गया है। अलबत्ता संयुक्त अरब अमीरात, जापान तथा सऊदी अरब को होने वाले निर्यात में मात्रा और मूल्य दोनों के हिसाब से वृद्धि देखी गई है। 2017-18 के दौरान संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका, नीदरलैंड, जापान और सऊदी अरब भारतीय काजू के सबसे बड़े पांच बाजार थे।