कमजोर रुपए से खाद्य तेल में मजबूती

Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Oct, 2018 01:15 PM

strengthens edible oils from weak rupees

बेंचमार्क बुर्सा मलेशियन पर कच्चे पाम ऑयल (सीपीओ) के दामों में मजबूती और रुपए के अवमूल्यन के कारण आयात लागत बढऩे की वजह से निकट भविष्य में भारत में खाद्य तेल के दामों में प्रति किलोग्राम 5 रुपए तक का इजाफा होने के आसार हैं।

मुंबईः बेंचमार्क बुर्सा मलेशियन पर कच्चे पाम ऑयल (सीपीओ) के दामों में मजबूती और रुपए के अवमूल्यन के कारण आयात लागत बढऩे की वजह से निकट भविष्य में भारत में खाद्य तेल के दामों में प्रति किलोग्राम 5 रुपए तक का इजाफा होने के आसार हैं। बुर्सा मलेशियन बाजार में कच्चे पाम ऑयल के दाम कई सालों के निचले स्तर पर फिसलने के बाद वैश्विक बाजार में सुस्ती से भारतीय बाजार में रिफाइंड सोया तेल, सरसों तेल और सूरजमुखी जैसे खाद्य तेलों के दामों में मंदी रही है। बढ़ती मांग और इंडोनेशिया तथा अर्जेंटीना जैसे प्रमुख उत्पादक देशों से आयात के बावजूद भारत में इस साल खाद्य तेल के दामों में अब तक सीमित दायरे में इजाफा हुआ है। चूंकि भारत की करीब 2.5 करोड़ टन की घरेलू मांग का 67 प्रतिशत हिस्सा आयात के जरिए पूरा किया जाता है इसलिए रुपये के अवमूल्यन और वैश्विक शुल्कों में परिवर्तन से निश्चित तौर पर घरेलू मूल्य को नुकसान होगा।

ग्लोबल इंडिया कार्यक्रम से इतर उद्योग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पिछले कुछ महीनों के दौरान रुपए में करीब 13 प्रतिशत तक की गिरावट आई है जिसने आयात लागत को बढ़ा दिया है। इसके अलावा सरकार ने तिलहनों का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी बढ़ा दिया है जिसके परिणामस्वरूप उत्पादन लागत बढ़ गई है। चूंकि आने वाले त्योहारी सीजन में मांग बढऩे जा रही है इसलिए खाद्य तेल उत्पादक अपने उत्पाद की कीमतों में मामूली रूप से 5 रुपए प्रति किलोग्राम तक इजाफा करने जा रहे हैं।

दिलचस्प बात यह है कि मलेशिया के हाजिर बाजार में कच्चे पाम ऑयल के दाम स्थिर बने हुए हैं और वायदा भाव से करीब एक प्रतिशत के प्रीमियम पर चल रहे हैं। फिलहाल हाजिर भाव 500 डॉलर प्रति टन है। हालांकि व्यापारियों के लिए यह भाव प्रति टन 450 डॉलर (50 डॉलर प्रति टन निर्यात शुल्क की वजह से) बैठता है। इस प्रकार यहां किसानों को 400 डॉलर प्रति टन की वास्तविक आमदनी हो रही है। किसानों की यह आमदनी कई सालों का निचला स्तर है जो उनकी उत्पादन लागत के बराबर है। सिंगापुर स्थित पाम ऑयल एनालिटिक्स के सह-संस्थापक सथिया वरका का अनुमान है कि अक्टूबर-दिसंबर 2018 के दौरान कच्चे पाम ऑयल के दाम 2,159-2,250 रिंगित के दायरे में रहेंगे और आगे चलकर मार्च 2019 की तिमाही के आखिर में 2,250-2,350 प्रति टन के बीच रहेंगे।
  

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