ईरान से आपूर्ति कम होने की स्थिति से निपटने की पुख्ता तैयारी: सूत्र

Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Oct, 2018 02:54 PM

preparation for dealing with the situation of short supply from iran

ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध लागू होने के बाद कच्चा तेल के आयात पर पडऩे वाले असर की भरपाई के लिए घरेलू तेल कंपनियों ने सऊदी अरब तथा ईराक जैसे अन्य निर्यातकों के साथ पर्याप्त अनुबंध किए हैं। वरिष्ठ अधिकारियों ने सोमवार को इसकी जानकारी दी।

नई दिल्लीः ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध लागू होने के बाद कच्चा तेल के आयात पर पडऩे वाले असर की भरपाई के लिए घरेलू तेल कंपनियों ने सऊदी अरब तथा ईराक जैसे अन्य निर्यातकों के साथ पर्याप्त अनुबंध किए हैं। वरिष्ठ अधिकारियों ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। भारत ने वित्त वर्ष 2017-18 में ईरान से 226 लाख टन कच्चा तेल की खरीद की थी। मौजूदा वित्त वर्ष के लिए ईरान से करीब 250 लाख टन कच्चा तेल का सौदा हुआ है। नवंबर महीने से अमेरिका के प्रतिबंध लागू हो जाने के बाद ईरान से कच्चा तेल खरीदने में रुकावटें आएंगी जिससे आयात पर निर्भर भारत जैसे देशों के सामने संकट उपस्थित होने की आशंकाएं हैं।

भारत ईरान के कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार है जबकि भारत के कुल कच्चा तेल आयात में ईरान की तीसरी सर्वाधिक हिस्सेदारी है। इंडियन ऑयल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हमारे पास सभी अनुबंधित आपूर्तिकताओं के साथ वैकल्पिक सौदे हैं। इन वैकल्पिक सौदों को पूरे साल के दौरान कभी भी मंगाया जा सकता है और ये सौदे ईरान से कच्चा तेल की खरीद में होने वाली किसी भी कमी की भरपाई कर पाने के लिए पर्याप्त हैं।’’

अधिकारी ने कहा कि इस महीने के अंत तक ईरान के कच्चे तेल की आपूर्ति में कोई संकट नहीं है। समस्या सिर्फ शेष बचे 5 महीनों के लिए होगी। इनकी भरपाई आसानी से सऊदी अरब, इराक तथा अन्य देशों के साथ हुए अतिरिक्त सौदे से की जा सकती है।  उसने कहा, ‘‘हर साल जब हम अनुबंधित आपूर्तिकर्ताओं के साथ सौदा करते हैं तो उसमें अतिरिक्त सौदे भी होते हैं। यह किसी अचानक आयी दिक्कत से निपटने के लिए होता है। इस तरह के अतिरिक्त सौदे शेष बचे पांच महीनों के लिए ईरान के साथ् हुए कुल सौदे से अधिक हैं। हमारे पास ईरान से तेल की आपूर्ति में होने वाली कमी की भरपाई की पुख्ता योजनाएं हैं।’’

उसने कहा कि यदि ईरान से कच्चा तेल का आयात पूरी तरह से बंद हो जाए तब भी देश की तेल शोधन कंपनियों को कोई दिक्कत नहीं होगी। हालांकि भारत अपने पारंपरिक मित्र राष्ट्र ईरान से कच्चा तेल की खरीद बंद नहीं करने वाला है। इंडियन ऑयल और मंगलोर रिफाइनरी पहले ही ईरान से नवंबर में 12.5 लाख टन कच्चा तेल खरीदने का सौदा कर चुकी हैं। इस विकल्प पर भी विचार जारी है कि अमेरिकी प्रतिबंध लागू होने के बाद ईरान को रुपए में ही भुगतान किया जाए।      
 

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