Edited By jyoti choudhary,Updated: 13 Aug, 2018 12:45 PM
गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) परिषद की ओर से टैक्स में कटौती के बाद ग्राहकों को फायदा नहीं देने पर नैशनल एंटी-प्रॉफिटीयरिंग अथॉरिटी (एनएपीए) ने जांच शुरू की है।
नई दिल्लीः गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) परिषद की ओर से टैक्स में कटौती के बाद ग्राहकों को फायदा नहीं देने पर नैशनल एंटी-प्रॉफिटीयरिंग अथॉरिटी (एनएपीए) ने जांच शुरू की है। एनएपीए ने रेस्ट्रॉन्ट चेन्स सबवे, पिज्जा हट और केएफसी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। एनएपीए ने नोटिस में टैक्स में कमी का फायदा ग्राहकों को न देने को लेकर सवाल पूछा है।
ये है मामला
जीएसटी काउंसिल ने नवंबर 2017 में रेस्ट्रॉन्ट्स पर रेट्स में कटौती की थी। एयर-कंडीशंड रेस्ट्रॉन्ट्स पर जीएसटी 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी और नॉन-एयरकंडीशंड पर 12 फीसदी किया गया था। बहुत सी रेस्ट्रॉन्ट कंपनियों ने इसके बाद मेन्यू में सभी आइटम्स पर प्राइसेज नहीं घटाए थे क्योंकि जीएसटी में कमी के साथ इनपुट टैक्स क्रेडिट वापस ले लिया गया था। रेस्ट्रॉन्ट कंपनियों का कहना है कि इससे उनके प्रॉफिट पर असर पड़ा है और प्राइस में कटौती करने की उनकी क्षमता कम हो गई है।
कंपनियों ने कहा करेंगे पूरा सहयोग
पिज्जा हट की मालिक यम रेस्ट्रॉन्ट्स और सबवे ने एनएपीए की ओर से प्रश्न पूछे जाने की पुष्टि की है। पिज्जा हट और केएफसी की मालिक यम इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, 'हम किसी भी प्रश्न को लेकर अथॉरिटीज के साथ पूरी तरह सहयोग करेंगे। हम अथॉरिटीज की ओर से अधिक जानकारी मिलने का इंतजार कर रहे हैं।' सबवे के प्रवक्ता का कहना था, 'सबवे इस जांच में एनएपीए के साथ पूरी तरह सहयोग कर रही है।' सबवे देश में 630 रेस्ट्रॉन्ट ऑपरेट करती है।
जुबिलेंट फूडवर्क्स के मालिकाना हक वाली डॉमिनोज पिज्जा की भी इसी तरह की जांच चल रही है। रेस्ट्रॉन्ट चेन्स 30 रुपए से अधिक की एंट्री-लेवल प्राइसिंग के साथ वैल्यू बढ़ा रही हैं। इन चेन्स ने कुछ ही प्रॉडक्ट्स के प्राइसेज घटाए हैं। कम प्राइस वाले आइटम्स को सस्ता किया गया है, जबकि प्रीमियम डिशेज महंगी हो गई हैं। रेस्ट्रॉन्ट चेन्स का कहना है कि इनपुट टैक्स क्रेडिट को वापस लेने से उनकी प्रॉफिटेबिलिटी पर 10-18 फीसदी का असर पड़ा है।