Edited By Supreet Kaur,Updated: 16 Jul, 2018 04:14 PM
एयरलाइन कंपनियों का वैश्विक संगठन आईएटीए ने अंतर्राष्ट्रीय हवाई टिकटों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाए जाने का विरोध किया है और इस कराधान को गलत बताया है। संगठन का कहना है कि यह कई वैश्विक समझौतों के खिलाफ है जिसमें भारत भी पक्षकार है।
बिजनेस डेस्कः एयरलाइन कंपनियों का वैश्विक संगठन आईएटीए ने अंतर्राष्ट्रीय हवाई टिकटों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाए जाने का विरोध किया है और इस कराधान को गलत बताया है। संगठन का कहना है कि यह कई वैश्विक समझौतों के खिलाफ है जिसमें भारत भी पक्षकार है।
इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) दुनिया के विभिन्न हिस्सों में 280 एयरलाइंस का प्रतिनिधित्व करता है। इसके सदस्यों में एयर इंडिया, जेट एयरवेज तथा विस्तार शामिल हैं। आईएटीए के महानिदेशक तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी एलेक्जेंडर डी जुनिआक ने कहा, ‘‘अंतर्राष्ट्रीय टिकट पर जीएसटी लगाना गलत है। यह अंतर्राष्ट्रीय समझौतों के विपरीत है जिसमें भारत भी पक्षकार है।’’ भारत में जीएसटी लागू किए जाने के बारे में उनकी राय पूछे जाने पर उन्होंने यह बात कही।
जुनिआक ने कहा, ‘‘यही कारण है कि हम सरकार से अंतर्राष्ट्रीय उड़ान टिकटों पर शुन्य कर लगाने की मांग कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि विमानन क्षेत्र में कराधान की बात की जाए तो जीएसटी एकमात्र मुद्दा नहीं है। जुनिआक ने कहा, ‘‘हम यात्री शुल्कों पर कर पर कर के मुद्दे के समाधान को लेकर सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं।’’ सरकार से मिली प्रतिक्रया के बारे में पूछे जाने पर आईएटीए प्रमुख ने कहा, ‘‘इस मामले में चीजें आगे बढ़ रही हैं। मैं बेहतर परिणाम की उम्मीद कर रहा हूं।’’