Edited By jyoti choudhary,Updated: 18 Feb, 2020 11:13 AM
चीन में कोरोना वायरस के प्रकोप का असर भारत में दवाओं से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स तक के कारोबार पर होने लगा है। कच्चे माल की आपूर्ति में अवरोध की वजह से देश में पैरासीटामॉल सहित कई दवाओं के दवाओं के दाम 40 से 70 फीसदी तक बढ़ गए हैं।
बिजनेस डेस्कः चीन में कोरोना वायरस के प्रकोप का असर भारत में दवाओं से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स तक के कारोबार पर होने लगा है। कच्चे माल की आपूर्ति में अवरोध की वजह से देश में पैरासीटामॉल सहित कई दवाओं के दवाओं के दाम 40 से 70 फीसदी तक बढ़ गए हैं।
भारत में सबसे अधिक दर्द के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पैरासिटामोल (Paracetamo) की कीमत में 40 फीसदी का इजाफा हो गया है। इसके साथ ही बैक्टीरियल इन्फेक्शन (Bacterial Infection) से बचने के लिए इस्तेमाल होने वाली दवा एजिथ्रोमाइसिन (Azithromycin) के दाम भी 70 फीसदी बढ़ गए हैं। फार्मा कंपनी Zydus Cadila के चेयरमैन पंकज पटेल ने ये जानकारी दी। पटेल ने आगे कहा कि अगर अगले महीने के पहले हफ्ते तक सप्लाई नहीं ठीक की गई तो तो फॉर्मा इंडस्ट्री में अप्रैल से शुरू होने वाले ड्रंग फॉर्म्यूलेशन में कमी का सामना करना पड़ सकता है।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को तगड़ा झटका
कोरोना वायरस की वजह से चीन में अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है। जिससे दुनिया भर की अर्थव्यवस्था को इसका खतरा बना हुआ है। चीन में लोगों के आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। साथ ही सामानों का प्रोडक्शन भी कम कर दिया गया है। जिससे ग्लोबल सप्लाई (वैश्विक आपूर्ति) को चुनौती मिल रही है। भारत कच्चे माल से लेकर कई इंटरमीडिएट उत्पादों के लिए चीन पर निर्भर रहता है। ऐसे में चीन की ये आपदा, भविष्य में भारत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
दुनियाभर में जेनेरिक दवाएं निर्यात करता है भारत
भारत में दवाइयां बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाली कई प्रमुख वस्तुओं की कीमतों में भारी इजाफा हुआ है। संभावना जताई जा रही है कि इसके लिए इस्तेमाल होने वाले कई बेसिक चीजें छोटी और मध्यम अवधि में कम पड़ सकती हैं। बता दें कि भारत जेनेरिक दवाओं के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ताओं में से एक है। अमेरिकी बाजार तक में इस्तेमाल होने वाली कुल दवाओं का 12 फीसदी प्रोडक्शन भारत में ही किया जाता है। इन दवाओं को बनाने के लिए API की जरुरतों को पूरा करने के लिए चीन पर निर्भर रहता है।