Edited By Supreet Kaur,Updated: 16 Oct, 2018 04:51 PM
शीर्ष उपभोक्ता आयोग ने खराब एयर कंडीशनर (एसी) प्रणाली लगाने के एक मामले में दिल्ली में हिताची इंडिया की फ्रेंचाइजी को 5 लाख रुपए से अधिक का मुआवजा देने को कहा है जो राज्य उपभोक्ता मंच द्वारा तय मुआवजे के मुकाबले आधा है। वह एसी एक ट्रैवल कंपनी ने...
नई दिल्लीः शीर्ष उपभोक्ता आयोग ने खराब एयर कंडीशनर (एसी) प्रणाली लगाने के एक मामले में दिल्ली में हिताची इंडिया की फ्रेंचाइजी को 5 लाख रुपए से अधिक का मुआवजा देने को कहा है जो राज्य उपभोक्ता मंच द्वारा तय मुआवजे के मुकाबले आधा है। वह एसी एक ट्रैवल कंपनी ने कार्यालय के लिए लिया था।
राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग (एनसीडीआरसी) ने एमट्रैक्स हिताची एपलायंस लि. (अब जानसन के नियंत्रण वाली हिताची एयर कंडीशनिंग इंडिया लि.) को 5,40,000 रुपए स्टिक ट्रैवल्स प्राइवेट लि. को 45 दिनों के भीतर देने को कहा है। एनसीडीआरसी ने दिल्ली राज्य उपभोक्ता आयोग के उस आदेश को खारिज कर दिया जिसमें एसी बनाने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनी को बतौर क्षतिपूर्ति 10 लाख रुपए देने का निर्देश दिया गया था। पीठासीन सदस्य प्रेम नारायण ने कहा, ‘‘शिकायतकर्ता (स्टिक) निश्चित रूप से यह राशि मुआवजा के रूप में पाने की हकदार है क्योंकि अतिरिक्त एसी लगाने के बाद भी स्थिति नहीं सुधरी।’’
एनसीडीआरसी ने कहा कि चूंकि हिताची ने स्वयं ट्रैवल कंपनी के परिसर को अच्छी तरह से ठंडा रखने के लिए कई समाधान की पेशकश की जिसमें अतिरिक्त स्प्लिट एसी लगाना शामिल है। यह बताता है कि उत्पाद में कुछ समस्या थी और कंपनी स्वयं उसमें सुधार के उपाय सुझा रही थी। ट्रैवल कंपनी ने 2002 में 19,37,820 रुपए में एसी योजना खरीदी थी। इससे जुड़े कार्यों के लिए उसने 2,12,180 रुपए और दिये थे। एक साल बाद शिकायतकर्ता ने दावा किया कि एसी सही नहीं चल करा है। उसने इस बारे में कंपनी को भी शिकायत की। हिताची की सलाह पर अतिरिक्त एसी लगाने के बाद भी स्थिति नहीं सुधरी। हिताजी ने इसे स्वीकार भी किया था। उसके बाद शिकायकर्ता सेवा में कमी को लेकर दिल्ली राज्य उपभोक्ता आयोग के पास गया। जिसने विनिर्माता कंपनी के खिलाफ 10 लाख रुपए के मुआवजे का आदेश दिया था।