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जालन्धर/अमृतसर :  डब्ल्यूडब्ल्यूई में एक दशक तक राज करने वाले भारतीय रेसलर द ग्रेट खली उर्फ दिलीप सिंह राणा इन दिनों डब्ल्यूडब्ल्यूई प्रबंधन से नाराज चल रहे हैं। नाराजगी की वजह है उनका खुद का नाम। दरअसल डब्ल्यूडब्ल्यूई की शर्तें के अनुसार द ग्रेट खली को उनका यह नाम डब्ल्यूडब्ल्यूई ने दिया था और शर्तें मुताबिक डब्ल्यूडब्ल्यूई ही अब द ग्रेट खली नाम का इस्तेमाल कर सकता है। यह बात तब बाहर आई जब खली ने अपने असली नाम दिलीप सिंह राणा के नाम पर फेसबुक और ट्विटर पेज बनाया। खली ने दिलीप सिंह राणा के नाम पर पेज बनाने के सवाल पर डब्ल्यूडब्ल्यूई को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि भारत में रैसलिंग का भविष्य उज्ज्वल है। ऐसे में मेरे द्वारा अपना नाम (द ग्रेट खली) इस्तेमाल करने से डब्ल्यूडब्ल्यूई प्रबंधन भारत में अपने भविष्य को लेकर असुरक्षित महसूस कर रहा है। डब्ल्यूडब्ल्यूई भारत को रैसलिंग के लिहाज से एक बड़े बाजार के रूप में देख रहा है जबकि मेरी कोशिश यह है कि मैं ज्यादा से ज्यादा अपने देश की प्रतिभा सामने ला सकूं।

मेरे से पहले किसी रेसलर के साथ ऐसा नहीं हुआ
द ग्रेट खली नाम इस्तेमाल करने से रोकने पर दिलीप सिंह राणा ने कहा कि ऐसा शायद पहली बार होगा जब डब्ल्यूडब्ल्यूई में किसी रेसलर से ऐसा किया गया होगा। डब्ल्यूडब्ल्यूई प्रबंधन से जब मैं इस बाबत बात करता हूं तो वह कहते हैं कि हमने एग्रीमैंट के दौरान आपके कागजों पर दस्तखत करवाए थे। इन कागजों में साफ-साफ लिखा है कि आपको डब्ल्यूडब्ल्यूई ही नाम देगा और बाद में इसे डब्ल्यूडब्ल्यूई ही इस्तेमाल करेगा। राणा ने कहा कि मैंने पहले कभी ऐसा नहीं सुना था कि कभी किसी रेसलर्स से उनका नाम छीन लिया गया हो। खली ने कहा कि एक रेसलर्स बरसों मेहनत कर डब्ल्यूडब्ल्यूई के अखाड़े में कूदता है। दर्द झेलते हुए सफलता पाता है। लेकिन जब वह डब्ल्यूडब्ल्यूई से बाहर आता है तो डब्ल्यूडब्ल्यूई प्रबंधन उससे उनका नाम भी छीन लेते हैं। यह गलत है।

सरकारें कभी मदद नहीं करती, खुद ही आगे आना पड़ता है
क्या कभी आपको रेसलिंग के प्रमोशन के लिए सरकार ने कभी किसी मदद की पेशकश की, सवाल पर खली ने कहा- ऐसा कभी नहीं होता कि सरकार किसी गेम को प्रमोट करे। दरअसल अगर भारत में क्रिकेट इतनी पॉपुलर है तो इसके पीछे एक वजह यह है कि बहुत सारे लोग इससे जुड़े हुए हैं। वह क्रिकेट को प्यार करते हैं और इसके बढ़ावे के लिए हर संभव प्रयास करते रहते हैं। मैं रेसलिंग का फैन हूं। इसलिए पूरी कोशिश कर रहा हूं कि रैसलिंग को प्रमोट करूं। सरकार से हर बात पर मदद मांगना या निर्भर रहना आपको कभी आगे नहीं लेकर जाएगा। लोगों को ही आगे आना होगा।

जब कोई बुलाए ना, तो जाने का क्या मतलब
आप नई दिल्ली में बीते महीने हुए डब्ल्यूडब्ल्यूई इवेंट में नहीं गए। इससे पीछे कोई खास वजह? सवाल ने खली ने दो-टूक कहा। अगर आप कहीं जाते हो तो इसीलिए जाते हो क्योंकि आपको बुलाया जाता है। अगर कोई बुलावा ही ना आया हो जाने का मतलब क्या है। शायद इसके पीछे एक कारण यह भी हो सकता है कि डब्ल्यूडब्ल्यूई प्रबंधन को लग रहा हो कि कहीं दिल्ली में करवाए जा रहे इवेंट का श्रेय खली ही न ले जाए। क्योंकि हम भी रेसलिंग को प्रमोट करने के लगातार प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में हमें प्रतिद्वंद्वी मानकर ही डब्ल्यूडब्ल्यूई प्रबंधन ने बुलाने की जरूरत नहीं समझी।