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नागपुर: भारतीय विकेटकीपर रिद्धिमान साहा अपने बल्लेबाजी क्रम में लगातार बदलाव से सहज हैं और उन्होंने आज कहा कि परिस्थितियों को देखते हुए भारतीय बल्लेबाजी क्रम में छठा स्थान लचीला है। श्रीलंका के खिलाफ पहले टेस्ट में साहा दोनों पारियों में क्रमश: 7वें और 8वें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे। उनका प्रथम श्रेणी में 40 से ज्यादा का औसत है और उनके 3 टेस्ट शतक भी हैं।  

यह पूछने पर कि क्या इन स्थानों पर बल्लेबाजी करने से संतुलन बनाने में रूकावट पैदा होती है तो साहा ने कहा कि ऐसा नहीं है कि मैं हमेशा 7वें (या 8वें) नंबर पर बल्लेबाजी करता हूं, मैं छठे स्थान पर बल्लेबाजी करता हूं। हमें (अश्विन और जडेजा के साथ) रोटेट किया जाता है क्योंकि बल्लेबाजी स्थान प्रतिद्वंद्वी टीम के गेंदबाजों की ताकत पर निर्भर करता है। 

सलामी बल्लेबाज का स्थान मुरली विजय, केएल राहुल और शिखर धवन के बीच ही रहता है जिसके बाद चेतेश्वर पुजारा बल्लेबाजी के लिए आते हैं। फिर अगले दो स्थान विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे के हैं।  हालांकि वीवीएस लक्ष्मण के संन्यास लेने के बाद छठे स्थान पर कोई भी खिलाड़ी स्थायी रूप से नहीं रह पाया है। साहा खुद छठे स्थान पर खेलते हैं लेकिन कोलकाता में भारत की दूसरी पारी में वह निचले 8वें स्थान पर उतरे।  

साहा ने स्पष्ट किया कि पसंदीदा परिस्थितियां स्थान सुनिश्चित करती हैं, भले ही यह छठा, 7वां या 8वां स्थान हो। यह टीम प्रबंधन के फैसले के अनुसार किसी भी स्थान पर हो सकता है। जैसा केएल राहुल ने टेस्ट के समापन के बाद कहा था कि कुछ और ओवर भारत की जीत सुनिश्चित कर सकते थे। भारत ने श्रीलंका के 76 रन पर 7 विकेट झटक लिए थे जो 231 रन के लक्ष्य का पीछा कर रही थी, लेकिन खराब रोशनी के कारण यह ड्रा रहा।