तीसरे वनडे से पहले आस्ट्रेलियाई खेमे के लिए बजी खतरे की घंटी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Sep, 2017 09:28 PM

threatened bells for the australian camp before the third one day

भारत के खिलाफ पांच वनडे मैचों की सीरीज के पहले दो मैचों में हार का सामना कर चुका आस्ट्रेलिया खेमे के लिए खतरे की घंटी बज चुकी है। पहले दोनों मैचों में आस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के लिए परेशानी का सबब बने भारत के कलाई के दोनों स्पिनर यु

इंदौर: भारत के खिलाफ पांच वनडे मैचों की सीरीज के पहले दो मैचों में हार का सामना कर चुका आस्ट्रेलिया खेमे के लिए खतरे की घंटी बज चुकी है। पहले दोनों मैचों में आस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के लिए परेशानी का सबब बने भारत के कलाई के दोनों स्पिनर युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव यहां होने वाले तीसरे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में भी अपना जलवा बिखेर सकते हैं क्योंकि क्यूरेटर के अनुसार पिच से केवल कलाई के स्पिनरों को ही मदद मिलने की संभावना है। चहल और कुलदीप ने अब तक श्रृंखला के दो मैचों में पांच-पांच विकेट लिए हैं और उन्होंने भारत की श्रृंखला में 2-0 से जीत में अहम भूमिका निभायी है। कुलदीप ने ईडन गार्डन में खेले गये दूसरे मैच में हैट्रिक भी बनायी थी जिससे भारत अपने अपेक्षाकृत कम स्कोर का सफलतापूर्वक बचाव करके 50 रन से जीत दर्ज करने में सफल रहा था।

होगा बड़े स्कोर वाला मैच
मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) के क्यूरेटर समंदर सिंह चौहान ने कहा, ‘‘यह बल्लेबाजी के लिए अनुकूल पिच होगी। मैं यह तो नहीं कह सकता कि कितना स्कोर होगा लेकिन यह बड़े स्कोर वाला मैच होगा। इसके साथ ही गेंदबाजों के लिये भी इसमें पर्याप्त मौके होंगे।’’  उन्होंने कहा, ‘‘पिच से परंपरागत स्पिनरों को ज्यादा टर्न मिलने की संभावना नहीं है लेकिन कलाई के स्पिनरों को जरूर टर्न मिलेगा। भारत के लिये यह अच्छा है कि उसके पास कलाई के दो स्पिनर हैं। टीम प्रबंधन ने सभी परिस्थितयों को ही ध्यान में रखकर उन्हें टीम में रखा होगा।’’ भारतीय कप्तान विराट कोहली ने पिछले दोनों मैचों में टास जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया जो कि सही साबित हुआ तथा यहां क्यूरेटर ने भी उन्हें इसी रणनीति पर चलने की सलाह दी।

धूप रही तो पहले बल्लेबाजी करना सही
संयोग से होलकर स्टेडियम में इससे पहले जो चार वनडे खेले गये हैं उन सभी में भारत ने ही टास जीता था। चौहान ने कहा, ‘‘अगर धूप खिली रहती है तो फिर पहले बल्लेबाजी करना सही रहेगा। खेल आगे बढऩे के साथ स्पिनरों को टर्न अधिक मिलेगा और तब हमारे दोनों स्पिनर अधिक कारगर साबित होंगे।’’ यहां की पिच तैयार करने के लिये ब्लैक कॉटन मिट्टी का उपयोग किया गया है। यह स्थानीय मिट्टी पानी को तेजी से सोखती है जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से बारिश का विकेट पर खास असर नहीं पड़ेगा। पिछले 35 साल से एमपीसीए से मैदानकर्मी के रूप में जुड़े चौहान ने कहा, ‘‘इस मिट्टी की पानी सोखने की क्षमता बहुत अच्छी है। पिच सूखी हैं। हमने इस पिच पर सात और आठ सितंबर को मध्यप्रदेश रणजी ट्राफी के संभावित खिलाडिय़ों के बीच दो दिन का मैच कराया था जिसमें प्रत्येक दिन 90 ओवर किये गये थे। वनडे भी इसी विकेट पर होगा।’’ बारिश के कारण दोनों टीमों के अभ्यास पर असर पड़ सकता है लेकिन इस स्टेडियम में तीन इंडोर विकेट भी हैं जिनमें से एक तेज गेंदबाजों के लिये भी है। इसमें गेंदबाजी मशीन और गेंदबाज दोनों की मदद से बल्लेबाजी अभ्यास किया जा सकता है।  चौहान ने कहा, ‘‘हमारे पास इंडोर में अभ्यास के लिये तीन विकेट हैं जिसमें गेंदबाजी मशीनों से भी अभ्यास किया जा सकता है। अगर मौसम कल भी आज जैसा रहा तो फिर बाहर अभ्यास करना मुश्किल होगा लेकिन धूप खिलने पर नेट पर अभ्यास किया जा सकता है।’’ 

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