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इंफाल : राष्ट्रीय सीनियर चैंपियनशिप में ताकतवर मानी जाने वाली मणिपुर की महिला फुटबॉल टीम को तमिलनाडु ने हराकर ट्रॉफी पर कब्जा कर लिया है। हारने वाली मणिपुर की टीम में कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं। भारत के उत्तरपूर्वी राज्य की मणिपुर टीम बीते 18 सालों से लगातार राष्ट्रीय चैंपियनशिप की ट्रॉफी पर कब्जा करती आई है, लेकिन इस साल इस टीम को तमिलनाडु के कारण हार का सामना करना पड़ा। 

नंदिनी तमिलनाडु टीम की कप्तान थी, जिन्होंने मणिपुर के रिकॉर्ड को आखिर तोड़ ही दिया।

बीते 23 साल से जीत के लिए जीजान से मेहनत करते इस प्रदेश के लिए महिला फुटबॉल टीम की ये जीत एक बड़ी उपलब्धि है। बीते पचास साल से प्रदेश की अपनी पुरुष फुटबॉल टीम भी है, लेकिन महिला टीम अब तक संतोष ट्रॉफी तक नहीं जीत पाई है। बता दें कि कप्तान नंदिनी ने अपने खेल की शुरुआत तब की थी जब वो आठवीं कक्षा में थी। उस समय वो एक एथलीट के तौर पर खेलती थी। नंदिनी को खेल की शिक्षा देने वाले टीचर रजनी और जयकुमार ने उन्हें कहा कि वो एथलेटिक्स की बजाएं फुटबॉल खेलें तो आसानी से जीत सकती हैं। इसके बाद नंदिनी ने फुटबॉल की तरफ ध्यान देना शुरु किया।

नंदिनी के प्रशिक्षकों का कहना है कि नंदिनी साहसी है और वो हमेशा यह सुनिश्चित करती हैं की टीम के सभी सदस्य एकमत रहें और एक टीम बन कर खेलें। तमिलनाडु की कप्तान नंदिनी को सेमीफाइनल में टीम का उत्साह बनाए रखने और मैच जीतने के लिए बेस्ट प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कर भी दिया गया। टीम की एक अन्य खिलाड़ी इंदुमती ने मणिपुर के खिलाफ खेले गए फाइनल मैच में गोल दाग कर टीम को निर्णायक जीत दिलाई। इंदुमति चेन्नई शहर में बतौर सब-इंस्पेक्टर काम करती हैं। वो कहती हैं कि हमने पूरे आत्मविश्वास के साथ खेला। हमने मणिपुर को गोल करने का मौका नहीं दिया और इस कारण टीम लडख़ड़ाने लगी, हमें दोगुनी खुशी है। पहली चैंपियनशिप जीतने की और दूसरी मणिपुर के सालों के रिकॉर्ड को तोडऩे की।