Edited By ,Updated: 14 May, 2017 07:06 PM
भारतीय महिला पहलवान एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में जापानी खिलाडिय़ों से पार पाने में नाकाम रही और आेलंपिक...
नई दिल्ली: भारतीय महिला पहलवान एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में जापानी खिलाडिय़ों से पार पाने में नाकाम रही और आेलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक का भी मानना है कि कम से कम इस जिंदगी में तो उनको हराना नामुमकिन है। साक्षी, विनेश फोगाट और दिव्या ककरान एशियाई चैंपियनशिप में अपने अपने भार वर्गों के फाइनल में जापानी पहलवानों से हार गयी थी और उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा था।
रियो आेलंपिक में 63 किग्रा में स्वर्ण पदक जीतने वाली रिसाको कवाई ने साक्षी को 60 किग्रा के फाइनल में आसानी से हराया। रियो खेलों की एक और चैंपियन सारा दोशो ने दिव्या ककरान को 69 किग्रा भार वर्ग में हराया। साक्षी और दिव्या कोई भी छह मिनट तक नहीं टिक पाई। विनेश ने साई नांजो का कुछ देर मुकाबला किया लेकिन आखिर में उन्हें भी हार ही मिली। साक्षी ने
उन्होंने कहा, ‘‘जापानी खिलाडिय़ों को हराना बहुत मुश्किल है। इस पूरी जिंदगी में उनकी बराबरी करना बहुत मुश्किल है। हमें उन्हें हराने के लिये अगला जन्म लेना होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा कौशल और तकनीक के मामले में हमसे कहीं बेहतर हैं। वे बेहद चुस्त और मैट पर काफी तेज होती है। अधिकतर समय हम उनकी तेजी की बराबरी नहीं कर पाते हैं। हमें उन्हें चुनौती देने के लिये अपनी तेजी बढ़ानी होगी।’’