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जालन्धर (जसमीत सिंह) : ऐसा सिर्फ क्रिकेट में ही संभव हो सकता है। एक बल्लेबाज जो वनडे क्रिकेट में तीन दोहरे शतक लगाता है। फार्मेट बदलते ही हीरो से जीरो हो जाता है। ऐसे में वह रिकॉर्ड बनते हैं जो बल्लेबाज के खूबसूरत क्रिकेट को दाग लगाने के लिए काफी होते हैं। हम बात यहां रोहित शर्मा की कर रहे हैं। साऊथ अफ्रीका टूर पर गई भारतीय टीम का टेस्ट सीरीज में प्रदर्शन खराब रहा। भारत की ओर से रोहित शर्मा को लंबे अर्से बाद मौका दिया गया था। लेकिन रोहित इसे भुना नहीं सके। साऊथ अफ्रीका में उनका निराशाजक प्रदर्शन जारी रहा। यही क्रम वनडे सीरीज में भी जारी रहा। हालांकि एकाध मैच में उन्होंने अच्छे स्कोर जरूर बनाएं लेकिन यह नाकाफी नजर आए। 

वहीं, पहले टी-20 में वह 21 रन बनाकर कुछ पॉजीटिव जरूर दिखे जैसे ही दक्षिण अफ्रीकी के तेज गेंदबाज जूनियर डाला आए रोहित अपनी विकेट गंवा बैठे। इसी तरह सेंचुरियन में चल रहे दूसरे टी-20 में भी रोहित डाला की पहली ही गेंद पर पगबाधा हो गए। डाला की नीचे उठती गेंद को रोहित समझ नहीं पाए। डाला ने अपील की तो अंपायर ने बिना झिझक ऊंगली उठा दी। बता दें कि 73 टी-20 मैच खेलने वाले रोहित का यह करियर का पांचवां मौका था जब वह कोई रन नहीं बना सके। हालांकि 2010 में जिम्बाब्वे के खिलाफ खेले गए पहले मैच में वह 0 रन पर नॉट आऊट थे। लेकिन इसके बाद 2012 में ऑस्टे्रलिया के खिलाफ सिडनी के मैदान में रोहित हस्सी की पहली ही गेंद पर बोल्ड हो गए थे।

इसके बाद श्रीलंका जब 2016 में भारत दौरे पर आई थी तो पुणे में खेले गए टी-20 में रोहित पहली ओवर की दूसरे गेंद चमीरा के हाथों में मार गए थे। यह रोहित के टी-20 करियर की दूसरी 0 थी। फिर आई 2016 के एशिया कप की बारी। ढाका में पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए मैच में रोहित पाकिस्तान के तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर का शिकार हो गए थे। इस मैच में भी वह सिर्फ दो ही गेंद खेल पाए थे। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका में खेले गए दूसरे टी-20 में रोहित तेज गेंदबाज जूनियर डाला की गेंद पर पगबाधा आऊट हो गए। इस तरह वनडे में तीन दोहरे शतक लगाने वाले रोहित के नाम पर टी-20 फार्मेट में पांच शून्य बनाने का रिकॉर्ड भी दर्ज हो गया है।