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क्रेमलिन: सरकार प्रायोजित डोपिंग आरोपों का सामना कर रहे रूस को रियो ओलिंपिक के बाद 2018 प्योंगयोंग शीतकालीन ओलंपिक खेलों से भी निलंबन की शर्मिंदगी झेलनी पड़ी है। हालांकि रूसी सरकार ने इन आरोपों के खिलाफ अपील करने और अपने एथलीटों के अधिकारों के लिये लडऩे की बात कही है।  

अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति(आईओसी) ने रूस पर पहली बार इस तरह के संपूर्ण निलंबन का फैसला किया है। इससे पहले आईओसी ने रूस के सोच्चि में वर्ष 2014 में हुए शीतकालीन ओलिंपिक खेलों में उसके एथलीटों पर डोपिंग में शामिल होने और सरकार के डोपिंग में शामिल होने का आरोप लगाया था।   

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्रि पेस्कोव ने कहा कि रूस अपने एथलीटों के खिलाफ लगाये गये आरोपों के खिलाफ अपील करेगा और आईओसी के साथ भी अपने संबंधों को बनाये रखने के लिए प्रयास करेगा। आईओसी ने मंगलवार को 2018 प्योंगयोंग विंटर ओलंपिक से रूस पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। वैश्विक संस्था ने आरोप लगाया था कि रूस ने डोपिंग को रोकने के लिए उचित कदम नहीं उठाए हैं। 

भारतीय पहलवानों को हाेगा सीधा फायदा 
2016 के समर ओलंपिक में रशिया के खिलाड़ियों ने 55 मेडल जीते थे. इनमें 19 गोल्ड 17 सिल्वर और 20 ब्राउन थे। रेसलिंग में रशिया ने 4 गोल्ड के साथ कुल 9 और जिमनास्टिक में तीन गोल्ड समेत कुल 11 पदक जीते थे। रशिया के रेसलिंग में भाग न लेने से भारत के पहलवानों को इसका सीधा फायदा होगा क्योंकि भारतीय पहलवानों को रशिया लंबे समय से चुनौती देता आ रहा है. वैसे रशिया ने अब तक ओलिंपिक गेंस में कुल 540 पदक जीते हैं इनमें 194 गोल्ड 158 सिल्वर 180 ब्रान्ज शामिल हैं रेसलिंग में रसिया शुरू से ही चल रहा है। वह अब तक रेस्लिंग के 56 पदक जीत चुके हैं इनमें 30 गोल्ड हैं।