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नई दिल्ली:  खेलमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने आज कहा कि बीसीसीआई नाडा के जरिए भारतीय क्रिकेटरों का डोप टेस्ट करा सकता था लेकिन अब यह वाडा की जिम्मेदारी है कि वह भारतीय बोर्ड से अपनी आचार संहिता का पालन कराए।       राठौड़ ने यह जवाब तब दिया जब उनसे बीसीसीआई के इस जवाब के बारे में पूछा गया कि राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी को भारतीय क्रिकेटरों का डोप टेस्ट कराने का कोई अधिकार नहीं है ।    

राठौड़ ने कहा कि मुझे खुशी है कि बाहरी एजेंसी क्रिकेट में डोपिंग नियंत्रण कर रही है । लेकिन जब देश की सभी खेल इकाइयां और कुछ दूसरे देश भी हमारी राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी पर विश्वास कर रहे हैं तो क्रिकेटर भी कर सकते थे। उन्होंने यहां दिल्ली हाफ मैराथन से इतर पत्रकारों से कहा ,च्च् हम विश्व डोपिंग निरोधक एजेंसी पर छोड़ते हैं । यह उनका काम है । चूंकि आईसीसी का रजिस्ट्रेशन वाडा के तहत हुआ है लिहाजा उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि वे क्रिकेटरों का डोप टेस्ट कराए।  उन्होंने कहा कि भारतीय क्रिकेटरों के डोप टेस्ट का मामला सुलझ सकता है ।उन्होंने कहा ,च्च्हमें उससे कोई समस्या नहीं है। हमें कई खेलों का ध्यान रखना है और हमें सभी खेलों पर गर्व है ।

राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी को कड़े जवाब में बीसीसीआई ने कहा था कि सरकार को भारतीय क्रिकेटरों का डोप टेस्ट कराने का अधिकार नहीं है । आठ नवंबर को नाडा प्रमुख नवीन अग्रवाल को लिखे पत्र में बीसीसीआई के सीईओ राहुल जोहरी ने कहा था कि नाडा को भारतीय क्रिकेटरों का टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है क्योंकि बीसीसीआई राष्ट्रीय खेल महासंघ नहीं है और उसकी मौजूदा डोपिंग निरोधक व्यवस्था बेहतरीन है ।