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विरारः अंडर 19 विश्व कप विजेता भारतीय कप्तान पृथ्वी शॉ के पहले कोच संतोष पिंगुलकर ने आज पुरानी यादों को ताजा किया जब उन्होंने महज तीन बरस की उम्र में उसकी प्रतिभा पहचान ली थी। पृथ्वी के क्रिकेट सफर का आगाज विरार से हुआ और उम्र के साथ साथ उसके लिये नये आयाम खुलते गए ।          

गोल्डन स्टार अकेडेमी के पहले छात्र थे शाॅ
कोच ने कहा ,‘‘ पृथ्वी शॉ जब मेरे पास आया तब सिर्फ तीन साल का था। मैने उसे सबसे पहले नगर निगम ग्राउंड पर देखा था। मैं औरंगाबाद से स्थानीय मैदान के लिये अनुमति लेने विरार आया था जब मैने उसे खेलते देखा।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ मुंबई में कोई उसे ले नहीं रहा था क्योकि उसकी उम्र बहुत कम थी। हमने उसे गोल्डन स्टार अकेडेमी में डाला। वह हमारा पहला छात्र था।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ वह नेशनल स्कूल में दूसरी तीसरी तक पढा और बाद में रिजवी स्कूल चला गया। वह 12 बरस की उम्र तक विरार में रहा । ’’         

पिंगुलकर ने कहा ,‘‘ जब वह तीन साल का था तब मुझे उसमें विलक्षण प्रतिभा दिखी। मैने उसके पिता से बात की । वह 2002 में हमारी अकादमी आया और नियमित रूप से मेरे पास आने लगा।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ मुझे यकीन है कि वह भारत के लिए खेलेगा। उसकी किस्मत अच्छी है कि उसे राहुल द्रविड़ जैसा कोच मिला ।’’