Edited By ,Updated: 29 Oct, 2016 04:10 PM
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) भले ही इंगलैंड के खिलाफ आगामी टैस्ट सीरीज में अंपायर निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) के लिए ...
मुंबई: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) भले ही इंगलैंड के खिलाफ आगामी टैस्ट सीरीज में अंपायर निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) के लिए राजी हो गया हो, लेकिन अंपायरों की मदद के लिए इस सीरीज में ‘हॉटस्पॉट’का इस्तेमाल नहीं करेगा। बीसीसीआई ने आखिरी बार 2011 में हॉटस्पॉट का प्रयोग इंगलैंड सीरीज के दौरान ही किया था और वह इससे संतुष्ट नहीं था। पूर्व भारतीय क्रिकेटर और अब कमेंटेटर रवि शास्त्री ने कहा कि हॉटस्पॉट अब प्रभावी नहीं रहा।
बोर्ड का कहना है कि इसके उपकरण समय पर उपलब्ध नहीं हो पाएंगे, इसलिए इस सीरीज में एलबीडब्ल्यू, बेट पैड और कॉट बिहाइंड की अपील के दौरान अल्ट्राएज का इस्तेमाल किया जाएगा। अल्ट्राएज तकनीक से डीआरएस की प्रक्रिया में मदद मिलेगी। बीसीसीआई ने डीआरएस के उपयोग के लिए कुछ दिनों पहले ही अपनी सहमति दी है। इस बारे में हॉटस्पॉट के निर्माताओं से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ये उपकरण नवंबर मध्य से पहले ऑस्ट्रेलिया से भारत नहीं भेजे जा सकेंगे और इसकी भी कोई गारंटी नहीं है।
हॉटस्पॉट और‘रियलटाइम स्कीनोमीटर’फरवरी मध्य तक भारत भेजे जा सकते हैं। लेकिन भारत और इंग्लैंड के बीच 5 टैस्ट मैचों की सीरीज नौ नवंबर से राजकोट में शुरू होना है। इसके चलते बीसीसीआई ने इस सीरीज के दौरान अल्ट्राएज का इस्तेमाल करने का फैसला किया।