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नई दिल्ली : मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर और उनके बचपन के दोस्त विनोद कांबली के बीच दूरियां अब बीते जमाने की बात हो गई हैं। खास तौर पर मुंबई टी-20 लीग के दौरान हुए एक वक्फे ने यह साफ कर दिया है कि दोनों के रिश्ते में अब कोई दरार नहीं रही है। इन दोनों को फिर से करीब लाने का काम किया है भारतीय क्रिकेट सुनील गावस्कर ने। 
दरअसल मुंबई टी-20 लीग का बीते दिन शिवाजी पार्क में फाइनल खेला जा रहा था। इसमें लायंस टीम को हार का सामना करना पड़ा। कांबली लायंस टीम के मेंटर हैं। ऐसे में जब रनरअप टीम का अपना मेडल लेने कांबली मंच पर पहुंचे तो वहां मेडल दे रहे सुनील गावस्कर को मेडल पकड़ा दिया। कहा- आप ही अपने दोस्त को मेडल दें। सचिन अभी मेडल पकड़ पाते, कांबली ने उनके पांव छू लिए। अचानक हुए इस घटनाक्रम से सचिन भी आवाक रह गए। फिर संभले तो उन्होंने कांबली को गले से लगा लिया।

स्कूल स्तरीय मैच में दोनों ने की थी 664 रन की साझेदारी
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सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली की जोड़ी को सबसे पहले पहचान स्कूल स्तरीय एक मैच से मिली थी। सचिन और कांबली ने मिलकर 664 रन की साझेदारी निभाई थी। इसमें 349 रन कांबली ने तो सचिन ने 326 रन बनाए थे। अर्से तक यह रिकॉर्ड कायम रहा। कांबली ने जब टेस्ट क्रिकेट में पर्दापण किया था तो उनकी शुरुआत बेहद शानदार रही थी। उन्होंने लगातार दो टेस्ट मैचों में दो दोहरे शतक बनाए थे। लेकिन इसके बाद उनके प्रदर्शन में कमी आने लगी। जिसका खामियाजा उन्हें टीम से बाहर होकर चुकाना पड़ा। दोनों ने रमांकांत आचरेकर से क्रिकेट की ट्रेनिंग ली थी। 

2009 में आई थी दोनों के रिश्तों में दरार
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सचिन और कांबली के रिश्तों में दरार पहली बार साल 2009 में आई थी। कांबली ने एक टीवी शो दौरान कहा था कि चाहे उन्होंने सचिन के साथ क्रिकेट की शुरुआत की। लेकिन जब उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया तो सचिन ने उनकी वापसी के लिए कोई मदद नहीं की। कांबली के इस बयान के बाद  काफी हो-हल्ला मच गया था। खबरें आई कि सचिन कांबली के इस बयान से बेहद नाराज हैं। शायद इसी कारण 2013 में सचिन जब इंटरनैशनल क्रिकेट से रिटायर हुए तो उन्होंने अपनी स्पीच में कांबली का नाम नहीं लिया। जबकि इस स्पीच में उन्होंने अपने सभी करीबियों का नाम लिया था।