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नई दिल्ली : भारत लगातार आठ सीरिज जीत चुकी है। अगर यह कहें कि सिर्फ विराट कोहली के कारण ही भारतीय टीम जीतती आ रही है तो यह गलत होगा। विशाखापटनम वनडे में रोहित की अगुवाई में भारतीय टीम ने जीत दर्ज कर यह साबित कर दिया कि क्यों वह वनडे फार्मेट की सबसे बेहतरीन टीमों में से एक हैं। हालांकि सीरिज की शुरुआत में खास तौर पर धर्मशाला में खेले गए पहले वनडे में टीम इंडिया काफी कमजोर दिखी लेकिन जैसे ही दूसरा वनडे शुरू हुआ भारतीय टीम अपनी सारी कड़ी यादें भूल गर्ईं। मोहाली वनडे में रोहित ने अपने करियर का तीसरा दोहरा बनाया। यह रोहित की ही पारी थी कि भारत के सभी बल्लेबाज अपनी बेहतरीन फॉर्म के साथ खेले। मोहाली के बाद अब विशाखापटनम में जीत के साथ भारतीय टीम ने जिस साहस व जुनून का परिचय दिया है। उस हिसाब से लगता है कि आगामी दक्षिण अफ्रीका दौरा काफी रोचक रहेगा। अब हम आपको बता रहे हैं मैच के वो 5 क्षण जिन्होंने भारत की झोली में जीत ला डाल दी। सीरिज में 160 रन बनाकर शिखर धवन मैच ऑफ द सीरिज रहे। वहीं कुलदीप यादव मैन ऑफ द मैच बने।

1. धोनी इंपेक्ट
भारतीय टीम चाहे कोहली के बगैर खेल रही थी लेकिन भारतीय क्रिकेट टीम के पास उनका सबसे एक्सपीरेंयस बल्लेबाज था। वो था महेंद्र सिंह धोनी। धर्मशाला वनडे की फिफ्टी हो या मोहाली में मारी गई सुपरमैन डाइव। धोनी हर जगह भारतीय टीम को लीड करते नजर आए। तीसरे वनडे में एक समय जब श्रीलंकाई ओपनर उपल थरंगा खतरनाक होते नजर आ रहे थे ऐसे में धोनी ही थे जिन्होंने बड़ी चालाकी से थरंगा को स्टंप आउट किया। अगर थरंगा आउट न होते तो श्रीलंकाई टीम 300 से ज्यादा रन बनाती दिख रही थी। लेकिन जैसे ही थरंगा आउट हुए, श्रीलंकाई टीम बिखर गई। 

2. भारतीय स्पिनरों ने अपना काम बाखूबी किया
भारतीय टीम के लिए तेज गेंदबाजी शुरू से ही समस्या रही है। तीनों वनडे में तेज गेंदबाजों की बजाय सारा दारमोदार स्पिनरों के ऊपर ही रहा। विशाखापटनम वनडे में भी तेज गेंदबाज शुरू में पिटने ही नजर आए। उपल थरंगा ने भुवनेश्वर और बुमराह की बॉलिंग पर कुछ अच्छे शॉट जमाए। पांड्या को तो थरंगा ने खूब आड़े हाथों लिया। पांड्या के एक ओवर में ही पांच चौके जमा दिए। लेकिन जैसे ही यादव और चाहल की जोड़ी अटैक पर आई श्रीलंकाई टीम बैकफुट पर आ गई। शुरुआती शॉट के बाद भारतीय स्पिनरों ने कसी हुई गेंदबाजी की। इसी बदौलत जैसे ही थरंगा का विकेट गिरा। साथ ही डिकवेला उसके बाद खतरनाक नजर आ रहे मैथ्यूज भी चलते बने। इसने भारतीय टीम को श्रीलंका टीम पर दबाव बनाने का काम किया। आखिर यादव के 10 ओवर में 42-3 और चाहल के 10 ओवर में तीन मेडन फेंक 46-3 के परफार्मेंस ने एक समय 300 पार जा रही श्रीलंकाई टीम को महज 215 रन पर रोक दिया।

3. श्रीलंकाई गेंदबाजों की धार नहीं दिखी 
भारत के खिलाफ पहले टेस्ट में सुरंगा लकमल ने जो धारधार गेंदबाजी की वह वनडे सीरिज के शुरुआती धर्मशाला वनडे में भी जारी रही। धर्मशाला वनडे में लकमल ने 10-4-14-4 का फिगर दिया था जबकि चोट के बाद उभरकर आए एंजेलो मैथ्यूज ने भी कसी हुई गेंदबाजी की थी। लेकिन दूसरे वनडे में रोहित शर्मा से पिटने के बाद श्रीलंकाई गेंदबाज तीसरे वनडे में भी अपनी लय खोए हुए नजर आए। हालांकि धनंजय ने महज 7 रन पर धनंजय को आउट कर कुछ उम्मीदें बांधी लेकिन धवन और इय्यर की जोड़ी ने इसपर पानी फेर दिया। खतरनाक साबित होते नजर आ रहे लकमल ने हालांकि कुछ मेडन फेंके लेकिन वह भी पांच ओवरों में 20 रन देकर दोबारा गेंदबाजी करने नहीं आए। मैथ्यूज ने तीन तो मोहाली वनडे में 10 ओवरों में 106 रन लुटाने वाले नुवान प्रदीप ने महज तीन ओवर ही फेंके। श्रीलंका ने अपने आठ गेंदबाजों का इस्तेमाल किया लेकिन परेरा और धनंजय के अलावा किसी को सफलता नहीं मिली। परेरा ने ईय्यर को आउट कर श्रीलंकाई टीम के कुछ राहत दी थी लेकिन यह इतनी नहीं थी कि श्रीलंका मुकाबले में वापस आ जाता। 

4. धवन और ईय्यर का तोड़ नहीं निकला
श्रीलंकाई गेंदबाजों से धवन और ईय्यर का तोड़ न निकाल पाना भी सबसे बड़ी समस्या बनकर सामने आई है। ईय्यर अभी अपनी पहली ही सीरिज खेल रहे हैं लेकिन इस सीरिज में जिस तरह बल्लेबाजी की उसने श्रीलंका बॉलिंग अटैक को धाराशाई करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। रोहित का बल्ला चाहे सिर्फ मोहाली वनडे में चला लेकिन उनके पार्टनर शिखर धवन ने धर्मशाला वनडे को छोड़ बाकी दोनों मैचों में एक कोना संभाले रखा। मोहाली में 68 तो विशाखापटनम में शतक बनाकर धवन ने टीम इंडिया को श्रीलंका पर आसान जीत दर्ज करवा दी। श्रीलंकाई गेंदबाज धवन और ईय्यर को भेद नहीं पाए। हालांकि लकमल और मैथ्यूज ने कई मौकों पर अच्छी गेंदबाजी नहीं की लेकिन यह गेंदबाजी उन्हें विकेट नहीं दिलवा पाई। 

साउथ अफ्रीका के लिए तैयारियां हुईं पुख्ता 
धर्मशाला वनडे में भारतीय बल्लेबाजों की बैटिंग के बाद कई दिग्गजों ने इस सीजन में इसे भारत की सबसे खराब परफार्मेंस बताया था। महान क्रिकेटर सुनील गवास्कर ने यहा तक कह दिया था कि अगर भारतीय टीम ने इस तरह ही बल्लेबाजी करनी है तो वह साउथ अफ्रीका के खिलाफ होने जा रही आगामी सीरिज भूल जाए। इसके अलावा मीडिया और कई दिग्गजों ने जमकर भारतीय क्रिकेट टीम की निंदा की थी। लेकिन मोहाली में खेले गए दूसरे वनडे के बाद भारतीय क्रिकेट टीम ने अपनी मजबूती का परिचय फिर से दे दिया। मोहाली के बाद अब विशाखापटनम में जिस तरह भारतीय बल्लेबाजों ने साहस दिखाया, यह काबिले तारीफ है। हालांकि आगामी दक्षिण अफ्रीका दौरा भारत के लिए आसान नहीं है लेकिन इसके लिए भारतीय टीम ने अभी से हल ढूंढना शुरू कर दिया है। कोहली भी दक्षिण अफ्रीका में टीम इंडिया को जॉइंन कर लेंगे। चेतेश्वर पुजारा के अलावा रोहित शर्मा, शिखर धवन और मुरली विजय भारत को अच्छी शुरुआत देने में पूरी मदद करेंगे। हालांकि भारतीय टीम कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहती इसलिए बताया ज रहा है कि दक्षिण अफ्रीका में भारतीय बल्लेबाज किराये पर ली गई ग्रीन पिच पर प्रैक्टिस करेंगे। बहरहाल अभी सबकी नजरें श्रीलंका के खिलाफ होने वाले टी-20 पर टिकी हुई है। भारतीय खिलाड़ी जिस फॉर्म में है उससे इस टी-20 में जीत की संभावना तो पक्की है, साथ ही साथ खिलाडिय़ों को फिर से हाथ खोलने का मौका मिल जाएगा जोकि आगे जाकर दक्षिण अफ्रीका में काम आएगा।