Sports

जसमीत सिंह /स्पोर्ट्स डेस्क
निश्चित रूप से श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरिज में पाई लय भारतीय क्रिकेट टीम ने टी-20 में भी जारी रखी है। भारत ने महत्वपूर्ण टॉस जीता। शिखर धवन इस मैच में नहीं खेले इसलिए रोहित और लोकेश राहुल ओपन करने आए। दोनों ने अच्छी शुरुआत दी। राहुल ने कुछ अच्छे शॉट लगाए। लेकिन सारी तारीफें बटोर ले गए एमएस धोनी। परमोट होकर तीसरे विकेट पर बल्लेबाजी करने आए धोनी ने 22 गेंद पर 39 रन ठोक दिए। इसमें आखिरी गेंद पर लगाया गया उनका लंबा छक्का भी शामिल था। धोनी टी-20 क्रिकेट में आखिरी गेंद पर पांच बार छक्का मार चुके हैं। यह एक रिकॉर्ड हैं। वहीं जब टीम इंडिया बॉलिंग करने आई तब भी धोनी हाजिरी लगाते रहे। दो कैच लिए, दो स्टंपिंग भी कीं। रही कसर स्पिनर चाहल ने निकाल दी। 
पढ़ें- 4 कारण जिसके चलते श्रीलंका टीम को अपना पहला टी-20 गंवाना पड़ा।

टर्निंग पॉइंट रहा लोकेश की विकेट बचना 
छठा ओवर करने आए मैथ्यूज ने पहली गेंद पर ही लोकेश के खिलाफ पगबाधा की अपील की थी। इस पर अंपायर ने उंगली भी उठा दी थी। लेकिन राहुल ने डीआरएस ले लिया। इसमें बॉल लैग साइड से बाहर जाती दिखी। लोकेश ने मिले जीवनदान का भरपूरा फायदा उठाया। ताबड़तोड़ बल्लेबाजी जारी रखते 48 गेंदों में 61 रन बना दिए। थिसारा परेरा की गेंद पर पुल मारते वक्त बोल्ड होने से पहले लोकेश ने 7 चौके और 1 छक्का भी लगाया। वहीं मध्यक्रम में प्रमोट किए गए धोनी ने भी खूब हाथ चलाए। उन्होंने 4 चौके और एक छक्के की मदद से 39 रन बना दिए। इससे भारत 180 तक पहुंच गया। अगर भारत 150 के पास सिमटता तो श्रीलंका टीम मैच बदलने की कोशिश भी करती। 

चाहल-यादव का तोड़ नहीं ढूंढ पाए श्रीलंकाई खिलाड़ी
अपना दूसरा टी-20 खेल रहे उनादकट की पेस का श्रीलंकाई ओपनर के पास कोई जवाब नहीं था। डिकवेला को उन्होंने 11 रन पर रोहित के हाथों आउट कराया। इसके बाद भी उनादकट ने कसी गेंदबाजी जारी रखी। वह थरंगा का विकेट लेने के करीब ही थे कि विकेट के पीछे खड़े धोनी कैच लपक नहीं पाए। इसके बाद आए भारतीय स्पिनर चाहल गेंदबाजी करने आए। उनकी शुरुआत खराब रही। पहली 3 गेंद पर थरंगा ने 10 रन बना दिए। लेकिन उसी ओवर की 5वीं गेंद पर उन्होंने थरंगा (23) को धोनी के हाथों कैच आउट कराया। अपनी 23 रन की पारी के दौरान थरंगा दो छक्के और एक चौका लगा चुके थे। इसके बाद चाहल की गेंद पर गुणारत्ने आगे बढ़े लेकिन बॉल तक पहुंच नहीं पाए। नतीजतन विकेटकीपर धोनी ने उनकी गिल्लियां उड़ा दीं। उन्होंने अच्छी गेंदबाजी का कम्र आगे भी जारी रखा। जितनी गेंदें चाहल की घूम रही थी उसके आगे श्रीलंकाई टीम टिक ही नहीं पाई।

पांड्या का प्रयोग हुआ सफल
भुवनेश्वर कुमार इस मैच में नहीं खेले थे। इसलिए भारतीय टीम की ओर से बॉलिंग की शुरुआत की ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या ने। पांड्या ने भी अपने कप्तान को निराश नहीं किया। उन्होंने चार ओवर में 29 रन देकर तीन महत्वपूर्ण विकेट लिए। इनमें धनंजय (7) का विकेट भी शामिल है। पांड्या की गेंद पर धनंजय ने आगे बढ़कर तेज शॉट लगाया था लेकिन पांड्या ने वहीं गेंद लपक ली। धनंजय भी पांड्या की फुर्ती देखकर आवाक रह गए। वहीं श्रीलंकाई बल्लेबाज इसका फायदा नहीं उठा पाए। टीम इंडिया के रेगुलर बॉलर भुवनेश्वर कुमार बाहर थे। ऐसे में श्रीलंकाई टीम आसानी से रन बना सकती थी। लेकिन ओपनर डिकवेला और थरंगा के आउट होने के बाद कोई भी श्रीलंकाई बल्लेबाज इसका फायदा नहीं उठा पाया।

टॉस हारना फिर पिच से मदद न मिलना
श्रीलंकाई टीम पिछले सत्र दौरान टी-20 की बेहतरीन फॉर्म में थी। इसी कारण उन्होंने साउथ अफ्रीका को हरा दिया था। लेकिन भारत के खिलाफ श्रीलंकाई टीम अपना जादू कायम नहीं रख पाई। कटक के जिस स्टेडियम में मैच खेला गया था उसे बैटिंग पिच कहा जा रहा था। इससे पहले 2015 में 200 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी साउथ अफ्रीका टीम ने भारत के खिलाफ जीत दर्ज कर दी। श्रीलंका के लिए बेहतर होता कि वह पहले बल्लेबाजी करता। लेकिन टॉस हारने के चलते उनकी सारी तैयारी धरी की धरी रह गई। हालांकि विकेट दूसरी इनिंग के दौरान भी काफी मजबूत थी लेकिन पिच अचानक से टर्न लेने लगी। चाहल और यादव की कई गेंदें श्रीलंकाई बल्लेबाज समझ नहीं पाए। नतीजतन पूरी टीम महज 87 रन पर ही आउट हो गई।

आगे क्या : दूसरा टी-20 शुक्रवार को इंदौर के होलकर क्रिकेट स्टेडियम में होना है। यह वहीं स्टेडियम है जहां दोहरा शतक लगा चुके हैं। दो बार यहां पहले बल्लेबाजी करने उतरी टीम वनडे में 400 रन का आंकड़ा पार कर चुकी है। मैच शाम सात बजे शुरू होगा। इसलिए ड्यू फैक्ट का फायदा उठाने के लिए दोनों टीमों के पास टॉस अहम हथियार होगा।

एक्सट्रा शॉट : धोनी ने भी बनाया रिकॉर्ड 
ट्वंटी-ट्वंटी क्रिकेट में बतौर विकेटकीपर खेलते धोनी ने भी रिकॉर्ड बनाया। वह अब तक 200 शिकार कर चुके हैं। उनसे ऊपर सिर्फ कामरान अकमल (207) ही हैं। 
207 कामरान अकमल
200 एमएस धोनी
192 कुमार संगाकारा 
167 दिनेश कार्तिक 
152 दिनेश रामदीन
(ट्वंटी-ट्वंटी क्रिकेट के सभी फार्मेट)