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नई दिल्लीः अपने जीवन पर बनी फिल्म 'सूरमा' के रिलीज होने से पहले पूर्व हाॅकी कप्तान संदीप सिंह कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में छात्रों को संबोधित करते दिखे। संदीप को दुनिया का सबसे खतरनाक ड्रैग-फ्लिकर में से एक माना जाता है और इसके साथ ही संदीप ने भारीतय हॉकी में कई ऐसे सुनहेरे पल दिए है जिन्हें भूल पाना मुमकिन नही है। कुछ समय पहले, संदीप ने टेडएक्स एमआईसीए मे स्पीच दी थी जहाँ उन्होंने खुलकर अपने अनुभव के बारे में बात की। संदीप मुम्बई में आईआईटी पवई और दिल्ली में एसआरसीसी में भी छात्रों को संबोधित कर चुके है। अब स्पोर्ट्स आइकन संदीप ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय और इंग्लैंड में वारविक विश्वविद्यालय के छात्रों को संबोधित कर उनके साथ अपने जीवन के अनुभवों का साझा किया है। 2012 के ओलंपिक लंदन में देश का प्रतिनिधित्व करते हुए संदीप ने क्वालीफ़ायर में सबसे अधिक गोल स्कोर कर, भारत का नाम रोशन किया था। जीवन से कठिन जंग लड़ने के बाद भी संदीप ने  कभी हार नही मानी और अपनी कड़ी मेहनत जारी रखी।

एक्सीडेंट के बारे में बात करना पसंद नही 
अपने अनुभव को साझा करते हुए संदीप ने कहा कि इस बार ब्रिटेन का दौरा एक अनूठा अनुभव था। इससे पहले मैं हॉकी और परिवारिक छुट्टियों के लिए इस देश का दौरा कर चुका हूँ लेकिन इस बार मैं विदेशी छात्रों के साथ बातचीत करने गया था जो शाहाबाद में मेरे शुरुवाती दिनों और मैं भारतीय टीम में किस तरह शामिल हुए, यह जानने के उत्सुक थे। मुझे कभी भी मेरे एक्सीडेंट के बारे में बात करना पसंद नही था, वो दुर्घटना जब मुझे गोली मारी गयी जिसके बाद 2 साल तक मैं असहाय हो गया था और सब बाधाओं को पार कर ज़िन्दगी की जंग लड़कर एक बार फिर क्षेत्र में वापसी की, लेकिन अब मुझे लगता है कि युवाओं को कभी हार न मानने हेतु प्रोत्साहन करने के लिए, मेरी कहानी बताने का यही सही समय है। मैं एक ग्रेजुएट भी नहीं हूं, और इन शीर्ष विश्वविद्यालयों में मेरी जीवन की कहानी के बारे में बात करना मेरे लिए एक बहुत बड़ी बात थी।

संदीप की कहानी इतनी प्रेरणादायक है कि उनके जीवन पर एक बॉलीवुड बॉयोपीक बनाई जा रही है जिसमे अभिनेता / गायक दिलजीत दोसंघ द्वारा संदीप के किरदार में नज़र आएंगे।

संदीप की कहानी पूरी तरह से प्रेरणादायक 
'सूरमा' के निर्देशक शाद अली ने कहा कि हॉकी लीजेंड संदीप सिंह की कहानी पूरी तरह से प्रेरणादायक है और वह हमारे राष्ट्रीय के नायक हैं जो 'कभी हार न मानने' का रवैया रखते आये हैं। यह जानकर बहुत खुशी होती है कि अधिक से अधिक लोग संदीप सिंह की कहानी के बारे में जागरूक हो रहे हैं। वह आईआईटी, एसआरसीसी कॉलेज और एमआईसीए टेडेक्स के छात्रों के साथ अपनी प्रेरणादायक कहानी साझा कर चुके है और अब वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोगो को अपनी कहानी से प्रभावित करने के लिए जा रहे है। वारविक विश्वविद्यालय और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से आमंत्रण प्राप्त करना हमारी फिल्म सूरमा के लिए एक बड़े सम्मान की बात है।

संदीप को दुनिया का सबसे खतरनाक ड्रैग-फ्लिकर में से एक माना जाता है, जिनकी ड्रैग की स्पीड 145 km/hr है और उनकी इस शानदार स्पीड के चलते उन्हें "फ्लिकर सिंह" के नाम से जाना जाता है।