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उज्जैन: अर्जुन अवॉर्डी पहलवान और कोच कृपाशंकर बिश्नोई का कहना है कि किर्गिस्तान के शहर बिश्केक में 27 फरवरी से 4 मार्च तक आयोजित होने वाली सीनियर एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में भारतीय टीम के पहलवान नए नियमों के तहत अपना मुकाबला तो लड़ेंगे लेकिन उन्हें नए नियमों की जानकारी तक नहीं दी गई है।  कृपाशंकर ने क्षीरसागर कुश्ती एरिना में नए जिम्नेसियम के उद्घाटन समारोह में कहा कि एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में भाग लेने से पहले भारतीय पहलवानों को सीनियर स्तर पर ऐसा कोई मंच प्रदान नहीं किया गया, जहां वे नए नियमों को सीखकर अपने मुकाबले लड़ सकें। 

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भारतीय महिला कुश्ती टीम के कोच रहे कृपाशंकर ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय चैपियंनशिप में नए नियमों को लागू करने की जरूरत के बारे में भारतीय कुश्ती संघ को पूर्व में ही कहा था कि आधुनिक कुश्ती में वजन को नियंत्रित करने का महत्व अब बदल गया है। उन्होंने कहा कि नए नियम के अनुसार पहलवानों का वजन तौलने के तुरंत दो घंटे बाद कुश्ती मुकाबले में उतरना होगा। कुश्ती मुकाबले पूरे दिन तक जारी रहेंगे, जब तक पहलवान पदक के अंतिम निर्णय तक नहीं पहुंच जाते परन्तु भारतीय कुश्ती संघ ने उनके सुझाव को आपत्तिजनक बताकर उन्हें ही निलंबित कर दिया था। कार्यक्रम के आयोजक और पूर्व पहलवान गणेश बागड़ी ने इस निलंबन निर्णय को कुश्ती के लिए दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि यह निर्णय कुश्ती की बेहतरी के लिए बहुत बुरा है। उन्होंने नाईजीरिया समेत कई अन्य देशों में एक जनवरी 2018 से पूर्व ही अपनी घरेलू प्रतियोगिताओ में नए नियमों को लागू करने के काम की प्रसंशा की।

उल्लेखनीय है कि 2017 सीनियर एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में भारत ने 1 स्वर्ण, 5 रजत और 3 कांस्य सहित कुल 9 पदक जीते थे। प्रतियोगिता में 8 वजन वर्ग में 96 पदक दांव पर लगे थे। इस वर्ष 27 फरवरी से 4 मार्च तक बिश्केक, किर्गिस्तान में आयोजित सीनियर एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में नए नियमों के साथ तीनों स्टाईल में 6 अतिरिक्त वजन समूहों को जोड़ा गया है।  इसी के साथ 10 वजन वर्गों में 120 पदक दांव पर लगे है। पिछले साल की तुलना में इस साल 6 अतिरिक्त वजन समूहों के साथ 24 पदक अधिक जोड़े गए हैं।