Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Nov, 2017 12:30 PM
जीत के अश्वमेधी रथ पर सवार भारतीय महिला हाकी टीम एशिया कप फाइनल में कल चीन के खिलाफ उतरेगी तो उसका इरादा आठ साल पहले इसी टूर्नामेंट के खिताबी मुकाबले में मिला हार का बदला चुकता करने का भी होगा। भारत ने ग्रुप चरण में अपराजेय रहने के बाद क्वार्टर...
काकामिगहरा: जीत के अश्वमेधी रथ पर सवार भारतीय महिला हाकी टीम एशिया कप फाइनल में कल चीन के खिलाफ उतरेगी तो उसका इरादा आठ साल पहले इसी टूर्नामेंट के खिताबी मुकाबले में मिला हार का बदला चुकता करने का भी होगा। भारत ने ग्रुप चरण में अपराजेय रहने के बाद क्वार्टर फाइनल में कजाखस्तान को और सेमीफाइनल में गत चैम्पियन जापान को हराया। कोच हरेंद्र सिंह की टीम ने ग्रुप चरण में सिंगापुर को 10-0, चीन को 4-1 और मलेशिया को 2-0 से मात दी थी।
भारतीय टीम इससे पहले 2009 में बैंकाक में इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची थी जब उसे चीन ने 5-3 से शिकस्त दी थी। वहीं पिछली बार 2013 में कुआलालम्पुर में हुए टूर्नामेंट में भारत तीसरे स्थान पर रहा था । भारत ने अब तक एक ही बार 2004 में यह खिताब जीता है जब टूर्नामेंट दिल्ली में खेला गया था। वैसे तो भारत ने अगले साल होने वाले महिला विश्व कप के लिये तभी क्वालीफाई कर लिया जब अफ्रीकी कप आफ नेशंस में दक्षिण अफ्रीका ने घाना को मात दी।
कप्तान रानी रामपाल ने हालांकि कहा कि टीम यह टूर्नामेंट जीतकर अपने दम पर क्वालीफाई करना चाहती है। रानी ने कहा ,‘‘हम एशिया कप जीतकर विश्व कप में जगह बनाना चाहते हैं और हमारा पूरा फोकस अगले मैच पर है ।’’ उसने कहा ,‘‘पुरूष टीम ने एशिया कप जीता जिससे हमें काफी प्रेरणा मिली । अब हमारी बारी है । ड्रेसिंग रूम का माहौल बहुत अच्छा है । सभी उत्साहित है और फाइनल के लिये पूरी तरह से तैयार है ।’’