Sports

स्पोर्ट्स डेस्क: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद(आईसीसी) ने लगभग एक जैसे अपराध पर हाल में दो अलग अलग सकााएं सुनाई हैं जिसे लेकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खासी बहस चल रही है। दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज कैगिसो रबादा को विपक्षी आस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीवन स्मिथ को आउट करने के बाद जश्न में कंधा मारने पर तीन डी-मेरिट अंक दिए गए हैं और उन्हें दो टेस्ट मैचों के लिए निलंबित कर दिया गया है, जबकि बंगलादेशी कप्तान शाकिब अल हसन और उनकी टीम के रिजर्व खिलाड़ी नुरूल हसन को हंगामा करने, विपक्षी खिलाड़ियों से झगड़ा करने तथा ड्रैसिंग रूम का शीशा तोडऩे के बावजूद 25 फीसदी मैच फीस और एक डीमेरिट अंक की सजा दी गई है।  

सजा में अंतर क्यों?
बंगलादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) ने अपने खिलाड़ियों के अपराध को स्वीकार किया है और कप्तान शाकिब ने भी कहा है कि वह आगे खुद को शांत रखने की कोशिश करेंगे। इन दो मामलों को लेकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बहस उठी है कि जब एक जैसे ही अपराध लगभग आसपास हुए हैं तो इन खिलाड़ियों की सजा में इतना अंतर क्यों है।   दो टेस्ट मैचों का निलंबन झेल रहे रबादा ने आईसीसी के इस फैसले के खिलाफ अपील की है जिसपर सुनवाई 19 मार्च को की जाएगी। 

रबादा पर फैसला बुधवार को
रबादा ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट की पहली पारी में विपक्षी कप्तान स्टीवन स्मिथ को आउट करने के बाद जश्न मनाने के लिए जाते हुए उन्हें जानबूझकर कंधा मार दिया था। आईसीसी ने इसे लेवल-दो का अपराध माना है जिसके लिए उन्हें तीन डी-मेरिट अंक दिए गए और पोर्ट एलिजाबेथ टेस्ट की उनकी मैच फीस में से 50 फीसदी की कटौती कर दी गयी। आईसीसी ने न्यूजीलैंड के माइकल हैरोन को न्यायिक आयुक्त नियुक्त किया है जो वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई करेंगे। रबादा को अपने भविष्य का फैसला बुधवार को पता चलेगा। यदि उन्हें क्लीन चिट मिलती है तो वह शुक्रवार से होने वाले तीसरे मैच में खेल पाएंगे।