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नई दिल्ली : 2007 में भारत के दौरे पर आई पाकिस्तानी टीम भल्ले ही पांच वनडे मैचों की शृंख्ला 3-2 से हार गई थी लेकिन टेस्ट मैच में मिसबाह-उल-हक, मोहमम्द यूसुफ के साथ अखतर, सामी और दिनेश कनेरिया भारत के लिए मुसीबत खड़ी कर सकते थे। दिल्ली में खेला गया पहला टेस्ट मैच भारत ने छह विकेट से जीत लिया था। लेकिन पाकिस्तान ने दूसरे टेस्ट मैच में शानदार वापसी करते हुए मैच ड्रा करवा लिया। अब सबकी नजर बेंगलुरु में होने वाले तीसरे टेस्ट पर टिकी हुई थी। एक्सपर्ट्स मान रहे थे कि जैसे पाकिस्तान ने दूसरे टेस्ट में वापसी करते हुए मैच ड्रा करवा लिया। उसी तरह तीसरे टेस्ट को वह किसी भी हालत में जीतना ही चाहेगी। अपने मकसद में पाकिस्तानी बॉलर कुछ हद तक कामयाब भी रहे। भारत की तरफ से वसीम जाफर और गौतम गंभीर बैटिंग करने आए थे। भारत की शुरुआत बेहद धीमी रही। पहले सात ओवर में भारत ने केवल आठ रन बनाए थे। तभी आठवां ओवर फेंकने आए सामी ने गंभीर (5) को कामरान अकमल के हाथों कैच करवाकर भरात को पहला झटका दे दिया। इसके बाद खेलने आए द्रविड़ (19) ने कुछ जोरदार शॉट लगाए भी लेकिन वह भी यासिर अराफत की गेंद पर आउट हो गए। तब भारत का स्कोर 44/2 था। दो ही ओवरों के बाद वसीम जाफर (17) फिर वीवीएस लक्ष्मण (5) भी चलते बने। भारत का स्कोर 61/4 हो गया। वनडे सीरिज जीत चुके भारत के लिए एक समय स्थिति बेहद खराब हो गई थी। अगर भारतीय पारी जल्द सिमट जाती तो पाकिस्तान को जीतने का मौका मिल जाता। पिच पहले ही बैटिंग के लिए अच्छी कही जा रही थी। लेकिन भारतीय बल्लेबाजों द्वारा खराब शॉट खेलकर विकेट गंवा लिए गए। 

गांगुली ने करियर बेस्ट स्कोर बनाया 
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चार विकेट गिरने पर बल्लेबाज करने उतरे युवराज सिंह। उन्होंने सौरव गांगुली के साथ मिलकर भारतीय पारी को आगे बढ़ाया। युवराज ने अपनी स्ट्राइक रेट बनाए रखते हुए तेज तरार शतक बना दिया। वहीं दूसरे छोर पर खड़े सौरव गांगुली भी सधी हुई बल्लेबाजी के साथ शतक के पास पहुंच गए। दोनों ने पांचवें विकेट के लिए 300 रन की पार्टनरशिप निभाकर भारत को 361 रन पर ला खड़ा किया। युवराज (169) के हाउट होते ही क्रीज पर दिनेश कार्तिक आए। उन्होंने 24 रन बनाकर गांगुली का साथ दिया। कार्तिक के बाद इरफान पठान आए। उन्होंने गांगुली का बाखूबी साथ दिया। शतक लगाया। लेकिन तब तक गांगुली भी अपने टेस्ट करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी को संवारने में लगे हुए थे। उन्होंने दिनेश कनेरिया की गेंद पर बोल्ड होने से पहले 239 रन बनाए। इसमें 30 चौके और 2 छक्के भी लगाए। भारत ने पहली पारी में 626 रन बनाए लेकिन मजबूत स्कोर के कारण भारत ने तीसरे टेस्ट में अपनी मजबूत स्थिति बना ली। हालांकि पाकिस्तान की ओर से मिसबाह (133), यूनिस खान (80), कामरान अकमल (65) ने अच्छे हाथ दिखाए लेकिन पहली पारी में बढ़त के आधार पर भारत ने आराम से टेस्ट ड्रा करवा लिया। ये गांगुली की आखिरी टेस्ट में खेली गई पारी ही थी कि भारत ने टेस्ट सीरिज 1-0 से जीत ली। आज उस पारी को 10 साल पूरे हो चुके हैं।