Sports

नई दिल्ली:  भारत ने फीफा अंडर 17 विश्व कप की सफल मेजबानी से सुर्खियां बटौरी जबकि सीनियर फुटबॉल में एक बार फिर लियोनल मेस्सी छाए रहे जिन्होंने अपने दम पर अर्जेन्टीना को 2018 फुटबॉल विश्व कप में जगह दिलाई।  

अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में पिछड़ते रहे भारत ने अंडर 17 विश्व कप की सफल मेजबानी से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई जिसकी चौतरफा सराहना हुई लेकिन भारतीय टीम पहले दौर में ही बाहर हो गई। फीफा अध्यक्ष जियानी इनफेंटिनो ने भी टूर्नामेंट को काफी सफल बताया।  वैश्विक स्तर पर दो बार के चैंपियन अर्जेन्टीना पर 2018 विश्व कप के मुख्य ड्रा से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा था लेकिन मेस्सी ने अकेले दम पर टीम को रूस में होने वाले इस शीर्ष टूर्नामेंट में जगह दिला दी।  

अर्जेन्टीना ने मेस्सी की हैट्रिक की बदौलत इक्वाडोर को अंतिम क्वालीफाइंग राउंड में हराया। मेस्सी विश्व कप जीतकर पेले और डिएगो माराडोना जैसे महान खिलाडिय़ों की सूची में जगह पाएंगे या नहीं यह अगले साल जुलाई में ही पता लग पाएगा।  दूसरी तरफ मेस्सी के प्रतिद्वंद्वी क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने 5वीं बार बेलोन डियोर पुरस्कार जीतकर अर्जेन्टीना के इस खिलाड़ी की बराबरी की।   

भारत इस बीच अक्तूबर में 3 हफ्तों के लिए विश्व फुटबॉल का केंद्र रहा। भारत के 6 शहरों में हुआ अंडर 17 विश्व कप दर्शकों और गोलों की संख्या के हिसाब से सबसे सफल टूर्नामेंट रहा।  मैदान पर सबसे प्रतिभावान युवा खिलाडिय़ों ने स्तरीय फुटबॉल खेला। इंग्लैंड ने फाइनल में स्पेन को 5-2 से हराकर पहली बार अंडर 17 विश्व कप जीता। दर्शकों की पसंदीदा ब्राजील की टीम तीसरे स्थान पर रही।  इंग्लैंड और स्पेन के बीच फाइनल मैच में सर्वाधिक गोल हुए और यह संभवत: सभी अंडर 17 विश्व कप का सर्वश्रेष्ठ खिताबी मुकाबला था।  

अमरजीत सिंह कियाम की अगुआई वाली भारतीय टीम उम्मीद के मुताबिक ग्रुप चरण की बाधा को भी पार नहीं कर पाई। टीम ने घाना, कोलंबिया और अमेरिका के खिलाफ अपने तीनों ग्रुप मैच गंवाए लेकिन टीम ने इस दौरान प्रभावी प्रदर्शन किया।  कोलंबिया के खिलाफ 1-2 की हार के दौरान जैकसन सिंह विश्व कप में गोल दागने वाले पहले भारतीय बने। भारत की सीनियर टीम ने भी स्टीफन कोन्सटेनटाइन के मार्गदर्शन में संयुक्त अरब अमीरात में 2019 में होने वाले एशिया कप के लिए क्वालीफाई किया।