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जालन्धर : प्रथम श्रेणी क्रिकेट में सबसे ज्यादा व्यक्तिगत स्कोर का रिकॉर्ड पाकिस्तान के हनीफ मोहम्मद के नाम हैं। आज ही के दिन 1959 में उन्होंने 499 रन बनाए थे। हालांकि वह 500 रन भी बना सकते थे लेकिन साथी खिलाड़ी के आऊट होने के कारण वह इस मुकाम को प्राप्त नहीं कर सके। हुआ यूं कि हनीफ कराची की ओर से भाहवलपुर टीम के खिलाफ शानदार बैटिंग कर रहे थे। सबकी नजरें हनीफ पर टिकी थी। क्योंकि वह प्रथम श्रेणी क्रिकेट में ऐसे पहले क्रिकेटर बनने जा रहे थे जो 500 रन बनाते।
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हनीफ के साथ आखिरी विकेट के लिए अब्दुल अजीज बैटिंग कर रहे थे। सभी और रोमांच था। बॉलर की गेंद पर हनीफ शॉट लगाकर रन बनाने के लिए भागे। सब खुशी से चिल्ला रहे थे कि अचानक फील्डर की तेज थ्रो नॉन स्ट्राइक एंड का स्टंप ले उड़ी। हनीफ क्रीज तक पहुंच नहीं पाए थे। आऊट होने के कारण वह 500 रन का मैजिक फिगर भी नहीं पा सके।

मुरलीधरन ने पहली बार लिए मैच में 10 विकेट
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टैस्ट क्रिकेट में 800 विकेट हासिल करने वाले श्रीलंका के दिग्गज स्पिनर मुथैय्या मुरलीधरन ने आज ही के दिन 1998 में अपने 35वें टैस्ट के दौरान पहली बार मैच में 10 विकेट प्राप्त की थी। जिम्बाब्वे के खिलाफ कैंडी में खेले गए मैच के दौरान पहली पारी में जिम्बाब्वे को धाराशाही करने वाले मुरलीधरन ने दूसरी पारी में भी जिम्बाब्वे के 7 विकेट झटकर उसकी कमर तोड़ दी थी। इस मैच के बाद ऐसे 20 मौके आए जब मुरलीधरन ने पारी में 10 से ज्यादा विकेट लीं। इस मैच को हम मुरलीधरन के क्रिकेट करियर में बड़ा बदलाव लाने के लिए भी याद कर सकते हैं। क्योंकि शुरुआती मैचों में मुरलीधरन आम बॉलर्स की तरह थे। कुल 131 टैस्ट खेलने वाले मुरलीधरन जैसे ही अपने इस 35वें टैस्ट से आगे बढ़े, हर मैच में 4 से 5 विकेट की औसत से विकेट निकालते रहे। यही प्रदर्शन उन्हें टैस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक विकेटों के रिकॉर्ड पर ले गया।

एक पारी में लगा, तिहरा और दो दोहरे शतक
प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 1994 में आज का दिन हैदराबाद के लिए यादगार था। हैदराबाद ने इसी दिन आंध्रा प्रदेश से अपनी रोचक भिड़ंत की थी। दरअसल पहले खेलते हुए हैदराबाद ने छह विकेट पर 944 रन बनाकर अपनी पारी घोषित की थी। मैच की सबसे खास बात हैदराबाद की तरफ से मूर्ति श्रीधर का 366, विवेक जयसिम्हा 211 और नोयल डेविड ने 207 रन बनाए। यह इसका पहला मैच था जिसकी एक पारी में एक तिहरा तो दो दोहरे शतक लगे थे। जवाब में खेलने उतरी आंध्रा प्रदेश ने 502 रन बना लिए जबकि उनके तीन विकेट शेष थे। समय समाप्त होने के कारण मैच ड्रा रहा।

जीत रही पाकिस्तान टीम केवल एक बॉलर से हार गई
1973 में मैक्स वॉल्कर की किफायती गेंदबाजी की वजह से सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत के लिए आगे बढ़ रही पाकिस्तानी टीम धाराशाही हो गई थी। पाकिस्तान को जीतने के लिए सिर्फ 156 रन चाहिए थे। एक समय पाकिस्तान की टीम 3 विकेट पर 83 रन बनाकर जीत की कागार पर खड़ी थी। ऐसे में मैक्स वॉल्कर ने पांच गेंद में तीन विकेट निकालकर पाकिस्तान को घुटने पर ला खड़ा किया। यह मैक्स की धारधार गेंदबाजी ही थी कि उन्होंने अपने 16 ओवर में 15 रन देकर 6 विकेट हासिल किए। इस तरह पाकिस्तान मात्र 106 रन पर आऊट हो गई।