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जालन्धर (जसमीत सिंह) : सेंचुरियन के मैदान में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले जा रहे दूसरे टी-20 में भारतीय पारी के दौरान कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले। मैच शुरू होने से पहले बरसात हुई। इस कारण मौसम ठंडा हो गया। तेज हवाएं चलीं। इसका सीधा फायदा दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों को होना था। सो दक्षिणी अफ्रीकी कप्तान जेपी डुमिनी ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनी। डुमिनी का यह फैसला कर समय सही होता भी नजर आया जब मैच की पहली ही गेंद पर धवन पगबाधा करार दे दिए गए। 
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हालांकि डीआरएस भारत के पक्ष में खड़ा होने से दक्षिण अफ्रीका को झटका जरूर लगा लेकिन इसके बाद रोहित और कोहली को सस्ते में सिमेट दक्षिण अफ्रीका गेंदबाजों ने पहले गेंदबाजी करने के कप्तान डुमिनी के इस फैसले को सही साबित जरूर कर दिया। हालांकि एक समय हावी होती नजर आ रही दक्षिण अफ्रीकी टीम को रैना के बाद मनीष पांडे ने निरस्त कर दिया। लेकिन इस बीच भारतीय विकेटकीपर एमएस धोनी बहुत ही खूबसूरती से भारतीय टीम को संवारते दिखे। 
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टी-20 क्रिकेट में मध्यक्रम में धीमी बल्लेबाजी के लिए अक्सर आलोचना का शिकार होने वाले धोनी ने इस मैच में अपना खूब बल्ला चलाया। यह उनके बल्ला ही था कि उन्होंने महज 28 गेंद में 52 रन ठोक दिए। इन रनों के लिए धोनी ने तीन छक्के और चार चौके भी उड़ाए। उन्होंने मनीष पांडे के साथ पांचवें विकेट के लिए 98 रन की पार्टनरशिप की।
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बता दें कि पांचवें विकेट के लिए यह चौथा मौका था जब धोनी ने साथी बल्लेबाज के साथ 80 रन से ऊपर की चार पार्टनरशिप निभाई। धोनी ने पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए युवराज के साथ 2013 में राजकोट के मैदान में ऑस्टे्रलिया के खिलाफ रिकॉर्ड 102 रन की पार्टनरशिप की थी। जोकि पार्टनरशिप के मामले में उनका सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड है। इसके बाद 2007 में डरबन के मैदान पर रोहित शर्मा के साथ 85 रन की पार्टनरशिप और 2014 में मीरपुर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ युवराज के साथ 84 की पार्टनरशिप शामिल है।
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यह आंकड़ें उस तस्वीर को साफ बयां करते हैं जो यह दर्शाते हैं कि मध्यक्रम में धोनी अपनी जिम्मेदारी को बाखूबी निभा रहे हैं।