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नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना सोमवार को अपना 31वां जन्मदिन मना रहे हैं। हालांकि रैना पिछले कुछ समय से भारतीय क्रिकेट टीम से बाहर चल रहे हों लेकिन टीम के लिए उनके योगदान और उनके जबरदस्त प्रदर्शन को नकारा नहीं जा सकता है।

करियर
2000 में रैना ने पहली बार क्रिकेट खेलने का फैसला किया और फिर गुरु गोबिंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज में भाग लेने के लिए अपने गृहनगर मुरादनगर, गाजियाबाद से लखनऊ चले गए। वह उत्तर प्रदेश अंडर-16 के कप्तान बने और उसके बाद 2002 में भारतीय चयनकर्ताओं की नजर में आए जब उन्होंने साढ़े 15 साल की उम्र में टेस्ट मैच में इंग्लैंड के खिलाफ भारतीय़ अंडर-19 टीम के लिए दो अर्धशतक ठोके। फिर 2004 के अंडर -19 विश्वकप के लिए चुना गया जहां उन्होंने तीन अर्धशतक बनाए, जिसमें केवल 38 गेंदों पर 90 रन की पारी भी शामिल थी। उसके बाद 2005 में रैना ने श्रालंका के खिलाफ एकदिवसीय मैच में भारत के लिए डेब्यू किया। पिछले कुछ समय से रैना टीम इंडिया से बाहर चल रहे हैं लेकिन अगर वह फिटनेस सुधार लेते हैं तो फिर टीम में वापसी कर सकते हैं।

इंडियन प्रीमियर लीग
रैना को टूर्नामेंट के पहले तीन वर्षों में 650,000 अमेरिकी डॉलर के लिए चेन्नई सुपर किंग्स द्वारा हस्ताक्षर किया गया था। रैना ने टूर्नामेंट के पहले संस्करण में  के लिए चेन्नई सुपर किंग्स के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। फिर सुपर किंग्स के लिए 2010 और 2011 आईपीएल सीज़न में रैना ने बेहतरीन बल्लेबाजी की और दोनों बार टूर्नामेंट में सर्वश्रेष्ठ स्कोर बनाया। उसके बाद वह चेन्नई की टीम के साथ ही रहे।  30 मई 2014 को उन्होंने किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ 25 गेंदों में 87 रन बनाए लेकिन रन आउट होने के कारण उन्हें सिर्फ 13 रनों से क्रिकेट इतिहास का सबसे तेज़ शतक नहीं मिला। 2016 में CSK के निलंबन के बाद रैना को गुजरात लायंस के लिए हस्ताक्षर किया गया । उन्होंने 2016 और 2017 सीज़न के लिए टीम का नेतृत्व किया और बल्लेबाजी से भी कमाल जारी रखा।